क्या सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए?

सारांश
Key Takeaways
- सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
- यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया।
- राधाकृष्णन ने जगदीप धनखड़ की जगह ली।
- उन्हें 452 वोट मिले थे।
- उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीपी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया है। यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया, जहाँ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी उपस्थित थे।
इस समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। इसके पश्चात राष्ट्रपति मुर्मू के आदेश पर चुनाव आयोग द्वारा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन का प्रमाण पढ़ा गया। इसके बाद राष्ट्रपति ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।
नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन ने जगदीप धनखड़ की जगह ली है, जिन्होंने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों की वजह से अचानक से इस्तीफा दे दिया था। उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे।
राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी सफलता के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ 452 प्रथम वरीयता वोट प्राप्त किए, जबकि रेड्डी को 300 वोट मिले।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए एनडीए के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया था। इस कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, जैसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भी समारोह में शामिल हुए। एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी यहाँ मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं।
तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने आरएसएस के स्वयंसेवक के तौर पर सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।
1996 में उन्हें भाजपा का राज्य सचिव बनाया गया और 1998 में पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा पहुंचे। 1999 में वे दोबारा सांसद बने। 2004 से 2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई की अध्यक्षता की। 2020 से 2022 के बीच वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। 18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली थी।