क्या यमुना अथॉरिटी के सीनियर मैनेजर के साथ 1 करोड़ 25 लाख रुपए की साइबर ठगी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी
- ऑनलाइन निवेश
- अनजान संपर्कों से पैसा
- सभी वित्तीय लेन-देन की पुष्टि करें।
- साइबर अपराधों की रिपोर्ट करना आवश्यक है।
नोएडा, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर अपराधियों ने एक बार फिर ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर एक उच्च अधिकारी को निशाना बनाते हुए करोड़ों रुपए ठग लिए हैं। इस नए मामले में यमुना अथॉरिटी के सीनियर मैनेजर बृजपाल सिंह के साथ 1 करोड़ 25 लाख रुपए की साइबर ठगी की गई है। शिकायत दर्ज होने के बाद, साइबर क्राइम थाना पुलिस ने जांच आरंभ कर दी है और राशि को फ्रीज कराने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पीड़ित बृजपाल सिंह की मुलाकात एक महिला से हुई, जिसने खुद को दिव्या शर्मा बताया। महिला ने कहा कि वह इन्वेस्टमेंट और क्रिप्टो में विशेषज्ञ है और तेज़ी से मुनाफा कमाने का आश्वासन दिया। लालच में आकर, पीड़ित ने पहले चरण में 40 हजार रुपए का निवेश किया। दो दिन के भीतर 8 हजार रुपए का 'प्रॉफिट' दिखाया गया और 48 हजार रुपए उनके खाते में वापस भेज दिए गए। इससे पीड़ित का विश्वास बढ़ गया। इसके बाद, लगातार निवेश करवाकर विभिन्न लेनदेन के माध्यम से कुल 1 करोड़ 24 लाख 44 हजार रुपए से अधिक राशि ट्रांसफर कर दी गई।
ठगों द्वारा बनाए गए ऐप पर निवेश की राशि बढ़कर 2 करोड़ 25 लाख रुपए तक दिखने लगी, जिससे पीड़ित को विश्वास हो गया कि उनका निवेश सही दिशा में जा रहा है। लेकिन जब उन्होंने राशि निकालने का प्रयास किया, तो ठगों ने विभिन्न बाधाएं उत्पन्न कर दीं। निकासी के दौरान 30 प्रतिशत टैक्स जमा करने का दबाव बनाया गया। इसके बाद 15 प्रतिशत करेंसी चार्ज और 7 प्रतिशत ऑडिट फीस की मांग की गई।
पीड़ित द्वारा अतिरिक्त भुगतान से इनकार करने पर आरोपी अचानक संपर्क से बाहर हो गए। तब जाकर पीड़ित को एहसास हुआ कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं। शिकायत के बाद, साइबर क्राइम पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया है और जांच आरंभ कर दी है। पुलिस ने संबंधित बैंक खातों की पहचान कर ली है और ट्रांजेक्शन की राशि को फ्रीज कराने की प्रक्रिया जारी है।
पुलिस ने जनता को भी सावधान करते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार की इन्वेस्टमेंट स्कीम, क्रिप्टो ट्रेडिंग या ऑनलाइन लाभ के लालच में न आएं और अनजान नंबरों, व्हाट्सएप ग्रुप्स और ऐप्स पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।