क्या ऑपरेशन मिलाप के तहत 84 लापता और अपहृत लोग फिर से अपने परिवारों से मिले?
सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन मिलाप के तहत 84 लापता व्यक्तियों को पुनः मिलाया गया।
- पुलिस ने विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया।
- यह अभियान बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए महत्वपूर्ण था।
- इस वर्ष कुल 1,201 लोगों को बचाया गया।
- पुलिस की मेहनत ने समाज में आशा की नई किरण जगाई।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की दक्षिण पश्चिम दिल्ली पुलिस ने अपने विशेष अभियान "ऑपरेशन मिलाप" के तहत नवंबर 2025 में कुल 84 लापता लोगों, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, को ढूंढकर उनके परिवारों से मिलाया।
पुलिस के अनुसार, 1 से 30 नवंबर तक चलाए गए इस सफल ऑपरेशन में 30 लापता और अपहृत बच्चों तथा 54 लापता वयस्कों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की गई।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही लापता लोगों की रिपोर्ट पुलिस को मिलती है, स्थानीय पुलिस टीमों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। इसमें सीसीटीवी फुटेज की जांच, ऑटो, बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों की तस्वीरों की जांच, बस चालक से पूछताछ और स्थानीय मुखबिरों को शामिल किया गया। इसके अलावा आसपास के थानों और अस्पतालों के रिकॉर्ड की भी व्यापक जांच की गई।
इस दौरान, पुलिस स्टेशन कपासहेड़ा के स्टाफ ने 10 से 18 साल के नौ लापता बच्चों (एक लड़का और आठ लड़कियां) का पता लगाया। उन्होंने 14 लापता लोगों का भी पता लगाया, जिनमें आठ पुरुष और छह महिलाएं शामिल थीं।
पुलिस स्टेशन पालम गांव की टीम ने इसी उम्र के चार लापता बच्चों, दो लड़कों और दो लड़कियों का पता लगाया। वहीं, पुलिस स्टेशन वसंत कुंज नॉर्थ के स्टाफ ने 10 से 18 साल की दो लापता लड़कियों के साथ-साथ एक पुरुष और एक महिला का भी पता लगाया।
पुलिस स्टेशन सागरपुर के कर्मचारियों ने आठ लापता लोगों का पता लगाया, जिनमें तीन पुरुष और पांच महिलाएं थीं। पुलिस स्टेशन किशनगढ़ ने 10 से 18 साल की दो लापता लड़कियों का पता लगाया, इसके अलावा सात लापता वयस्कों का भी पता लगाया, जिनमें चार पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं।
पुलिस स्टेशन वसंत कुंज साउथ के स्टाफ ने 10 से 18 साल के तीन लापता बच्चों (दो लड़के और एक लड़की) के साथ-साथ पांच लापता लोगों को भी ढूंढ निकाला, जिनमें तीन लड़के और दो लड़कियां शामिल थीं। इस प्रकार, कई पुलिस स्टेशनों से लोगों को खोजा गया है।
इस वर्ष, दिल्ली पुलिस द्वारा बचाए गए लापता या अपहृत लोगों की कुल संख्या 1,201 हो गई है, जिसमें 399 बच्चे और 802 वयस्क शामिल हैं।