क्या डल झील पर पहली बार खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल का आयोजन ऐतिहासिक कदम है?

सारांश
Key Takeaways
- खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल का आयोजन डल झील पर होगा।
- 21 से 23 अगस्त 2025 के बीच यह फेस्टिवल आयोजित होगा।
- 400 से अधिक एथलीट विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेंगे।
- यह आयोजन कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएगा।
- सरकार का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को प्रमुख खेल केंद्र बनाना है।
कश्मीर, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील पहली बार खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल की मेज़बानी करने जा रही है। यह फेस्टिवल 21 से 23 अगस्त 2025 तक आयोजित होगा। यह पहला मौका होगा जब कश्मीर की इस खूबसूरत झील को राष्ट्रीय खेलों के केंद्र में बदल दिया जाएगा।
देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 400 से अधिक एथलीट वाटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और शिकारा स्प्रिंट जैसे रोमांचक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। यह फेस्टिवल कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत के साथ खेल उत्कृष्टता को जोड़कर एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।
सरकार जम्मू-कश्मीर को भारत के प्रमुख खेल केंद्र के रूप में स्थापित करने में निरंतर प्रयासरत है। गुलमर्ग पहले से ही शीतकालीन खेलों का मुख्य गंतव्य बन चुका है, जहां खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के पांच सफल आयोजन हो चुके हैं। अब, डल झील के इस आयोजन से जम्मू-कश्मीर वाटर स्पोर्ट्स के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
यह फेस्टिवल भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) और जम्मू-कश्मीर खेल परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जो सरकार की 'खेलो भारत' नीति का एक हिस्सा है। इसका लक्ष्य जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना, आजीविका सृजन करना और स्थानीय खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है।
इस आयोजन से न केवल एथलीटों और कोचों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि शिकारा मालिकों, हाउसबोट ऑपरेटरों और पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को भी फायदा पहुंचेगा।
वाटर स्पोर्ट्स कोच मोहम्मद इम्तियाज का कहना है, "खेलो इंडिया विंटर स्पोर्ट्स गेम्स ने गुलमर्ग को शीतकालीन खेलों का हब बनाया। अब यह वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल जम्मू-कश्मीर को देश के वाटर स्पोर्ट्स एथलीटों के बीच प्रसिद्ध करेगा।"
शिकारा ऑपरेटर और वाटर स्पोर्ट्स एथलीट मोहम्मद रफीक मल्ला इसे एक बड़ा अवसर मानते हैं। उन्होंने कहा, "यह फेस्टिवल न केवल एथलीटों के लिए, बल्कि डल झील से जुड़े लोगों के लिए भी नई संभावनाएं लाएगा। मैं देश भर के युवा एथलीटों को डल झील में खेलते देखना चाहता हूं और चाहता हूं कि वे कश्मीर की खूबसूरती, तैरते बगीचों, कमल के फूलों और जबरवान पहाड़ों का आनंद लें।"
18 वर्ग किलोमीटर में फैली डल झील को 'फूलों की झील' भी कहा जाता है, जो श्रीनगर का दिल है। यह झील पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मछली पकड़ने और जलीय पौधों से जुड़े व्यवसायों का सहारा देती है।
हिमालय की गोद में बसी इस झील के तैरते बगीचे, हाउसबोट और जलमार्ग इसे एक अनूठा आकर्षण बनाते हैं।