क्या दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- यूनेस्को ने दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया।
- यह भारत के लिए गर्व का क्षण है।
- दिल्ली में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- यह निर्णय भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूनेस्को (यूएनईएससीओ) ने भारत के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्व दीपावली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का एक बड़ा निर्णय लिया है। इस संदर्भ में दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने जानकारी देते हुए खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय संपूर्ण भारतीय समाज और इसकी सांस्कृतिक धरोहर के लिए एक अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है।
कपिल मिश्रा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निरंतर प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह फैसला भारत की समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विविधता की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है।
इस निर्णय की औपचारिक घोषणा 10 तारीख को दिल्ली के लाल किले में की जाएगी। इस अवसर पर देशभर में दीपावली के समान ही उत्सव का माहौल रहेगा।
यूनेस्को की घोषणा का उत्सव मनाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा विस्तृत और भव्य कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है। इस दौरान लाल किले में दीपावली उत्सव का आयोजन, विशाल दीये प्रज्वलन कार्यक्रम, दिल्लीभर के प्रमुख चौक–चौराहों तथा सड़कों पर रोशनी और सजावट, दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों का विशेष प्रकाशन, और दिल्ली हाट में मुख्यमंत्री एवं पूरी कैबिनेट की उपस्थिति में दीपावली उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
कपिल मिश्रा ने कहा कि दीपावली केवल एक त्योहार नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और ‘अंधकार से प्रकाश’ की अनंत भावना का प्रतीक है। इस मान्यता ने पूरे देश का सम्मान और गौरव बढ़ाया है।
दिल्ली सरकार सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्साह, सद्भाव, समृद्धि और सांस्कृतिक एकता के साथ उत्सव में शामिल हों।