क्या अयोध्या में दीपोत्सव ने सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित किया है?

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क्या अयोध्या में दीपोत्सव ने सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित किया है?

सारांश

अयोध्या में होने वाले ९वें दीपोत्सव में प्रदेश के विकास और भारतीय संस्कृति की झांकियां दर्शाई जाएंगी। जानकारी के अनुसार, योगी सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए १५ झांकियां और रामायण के सातों कांड पर आधारित २२ झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। इस बार सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।

Key Takeaways

  • अयोध्या का दीपोत्सव ९वां बार मनाया जाएगा।
  • योगी सरकार के विकास कार्यों की झांकियां प्रदर्शित होंगी।
  • रामायण के सात कांडों पर आधारित झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी।
  • सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
  • आयोजन में ५०० से अधिक कलाकार शामिल होंगे।

अयोध्या, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भगवान राम की पवित्र नगरी अयोध्या में इस बार का ९वां दीपोत्सव केवल दीपों की चमक से ही नहीं, बल्कि प्रदेश के विकास और भारतीय संस्कृति की जीवंत झांकियों से भी सजाया जाएगा। योगी सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए सूचना विभाग द्वारा १५ आकर्षक झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी, जबकि पर्यटन और संस्कृति विभाग रामायण के सातों कांड पर आधारित थीम पर झांकियां प्रस्तुत करेगा, जिनमें २२ झांकियां साकेत महाविद्यालय में तैयार की जा रही हैं।

इसके साथ ही, देश के विभिन्न राज्यों की लोक कलाएं और नृत्य दीपोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे। जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि सूचना विभाग की झांकियां योगी सरकार के विकास कार्यों को प्रदर्शित करेंगी। इनमें उत्तर प्रदेश में हुए बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और सांस्कृतिक विकास जैसे क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धियों को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। ये झांकियां प्रदेश की प्रगति और समृद्धि का प्रतीक होंगी।

दूसरी ओर, संस्कृति विभाग द्वारा रामायण के सात कांडों बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड पर आधारित झांकियां तैयार की जा रही हैं। ये झांकियां भगवान राम के जीवन और रामायण की शिक्षाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगी।

संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि सूचना विभाग द्वारा नामित की गई कंपनी ने झांकियों को आकर्षक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया है। ये झांकियां न केवल दृश्यात्मक रूप से प्रभावशाली होंगी, बल्कि इनमें आधुनिक तकनीक का उपयोग भी किया जाएगा ताकि दर्शकों को एक अनूठा अनुभव प्राप्त हो।

इसके अतिरिक्त, दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या को दीपों से सजाया जाएगा। रामपथ, भक्ति पथ और अन्य प्रमुख स्थानों पर लाखों दीप जलाए जाएंगे, जो विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में एक और कदम होगा। इस आयोजन में स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भी शामिल होंगे।

इस बार दीपोत्सव में सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। देश के विभिन्न राज्यों की लोक कलाएं और नृत्य इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होंगे। हरियाणा का फाग, केरल का कथककली, राजस्थान का झूमर, पंजाब का भांगड़ा, ओडिशा का संबलपुरी, गाजीपुर का डिबिया, और पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की लोक कलाएं अयोध्या के रामपथ पर अपनी छटा बिखेरेंगी। ये प्रस्तुतियां न केवल सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेंगी, बल्कि देश की एकता और विविधता को भी रेखांकित करेंगी।

इस भव्य आयोजन में लगभग ५०० से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लेंगे। इवेंट के लिए जिम्मेदार कंपनी विविद इंडिया के एक प्रतिनिधि के अनुसार दीपोत्सव में प्रयागराज महाकुंभ, काशी कॉरिडोर, कृषि पशुपालन, आयुष्मान कैशलेस, डिफेंस कॉरिडोर, उत्तर प्रदेश को बेहतर बनाना हमारी प्रतिबद्धता, स्वच्छ एवं हरित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत, उत्तर प्रदेश पुलिस सुरक्षा, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, आत्मनिर्भर नारी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, और अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा कराए गए कार्यों की झलक दिखाई पड़ेगी।

Point of View

यह कहना उचित है कि अयोध्या का दीपोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता का भी संदेश देता है। यह आयोजन प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हम सभी को गर्व महसूस होता है।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

दीपोत्सव कब शुरू होगा?
दीपोत्सव ९वां बार अयोध्या में मनाया जाएगा, जिसकी तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
इस बार के दीपोत्सव में क्या खास होगा?
इस बार के दीपोत्सव में १५ झांकियां और रामायण के सातों कांड पर आधारित २२ झांकियां होंगी।
दीपोत्सव में कौन-कौन से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे?
दीपोत्सव में विभिन्न राज्यों की लोक कलाएं और नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे।