क्या डेहरी विधानसभा सीट पर राजद और लोजपा (रामविलास) के बीच होगी कांटे की टक्कर?
सारांश
Key Takeaways
- डेहरी विधानसभा का राजनीतिक इतिहास 1951 से शुरू होता है।
- इस बार राजद और लोजपा (रामविलास) के बीच कांटे की टक्कर है।
- इंद्रपुरी डैम और धूप घड़ी प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
पटना, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डेहरी विधानसभा बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है। यह काराकाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। डेहरी का राजनीतिक इतिहास बहुत रोचक है, क्योंकि यह विधानसभा क्षेत्र 1951 में अस्तित्व में आया। अब तक यहाँ 18 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 2019 का उपचुनाव भी शामिल है।
दिलचस्प यह है कि जब बिहार में राजनीतिक परिवर्तन की शुरुआत हुई, तब कई क्षेत्रों में कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन डेहरी की जनता ने समाजवादी उम्मीदवारों पर भरोसा किया। कांग्रेस को तीसरे चुनाव (1962) में पहली बार जीत मिली थी।
इसके बाद पार्टी ने लगातार 4 बार जीत हासिल की, और आखिरी बार 1985 में सफल रही। इसके बाद यहाँ जनता दल, राजद और भाजपा के बीच मुकाबला रहा, हालांकि अक्टूबर 2005 और 2010 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की।
2019 के उपचुनाव में भाजपा की पहली बार एंट्री हुई थी, जबकि जदयू को इस सीट पर अभी तक जीत नहीं मिली है। डेहरी में 2020 का विधानसभा चुनाव राजद ने जीता।
इस बार डेहरी में 10 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। राजद ने गुड्डू चंद्रवंशी को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि एनडीए में सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने राजीव रंजन सिंह को टिकट दिया है। जन सुराज पार्टी से प्रदीप लल्लन भी मैदान में हैं।
इस विधानसभा क्षेत्र में 9 ग्राम पंचायतें शामिल हैं, जैसे बरांव कला, बेरकप, भैंसहा, भलुआरी, चकनहा, दाहौर, दरिहट, गंगौली, जमुहार, मझियावां, मथुरी, पहलेजा और पतपुरा।
डेहरी में एक खास आकर्षण धूप घड़ी है, जिसे अंग्रेजों ने बनाया था और 1871 में डेहरी के एनिकट रोड पर स्थापित किया गया। यह एकमात्र घड़ी है, जो सूरज की रोशनी से समय बताती है।
इसके अलावा, डेहरी-ऑन-सोन में इंद्रपुरी डैम भी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां लोग शानदार नज़ारे के लिए आते हैं।
इस शहर के प्रमुख स्थलों में सोन नहर प्रणाली का केंद्र शामिल है। यहाँ से प्राचीन रोहतासगढ़ किला और अकबरपुर भी कुछ दूरी पर स्थित हैं, जो ऐतिहासिक महत्व के हैं।
धार्मिक दृष्टि से भी डेहरी समृद्ध है। यहाँ झारखंडी महादेव मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र है।