क्या सीलमपुर गैंगवार में हाशिम बाबा गैंग के सदस्य मिस्बाह की हत्या के आरोपी गिरफ्तार हुए?
सारांश
Key Takeaways
- गैंगवार की गंभीरता
- पुलिस की कार्रवाई
- छेनू और हाशिम बाबा गैंग का इतिहास
- घटना का समय और स्थान
- अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर क्षेत्र में एक गैंगवार के मामले में, दिल्ली पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
हाशिम बाबा गैंग के सदस्य 22 वर्षीय मिस्बाह की हत्या के इस मामले में छेनू गैंग से जुड़े अब्दुल्ला और प्रिंस गाजी को पकड़ा गया है। पुलिस का मानना है कि यह घटना पूर्व की दुश्मनी का परिणाम है। एक अन्य आरोपी रिजवान अभी भी फरार है।
यह घटना 30 अक्टूबर की रात लगभग 10:40 बजे सीलमपुर के जामा मस्जिद के निकट हुई। मिस्बाह पर बाइक सवार हमलावरों ने बेतहाशा गोलियां चलाईं। उसे 15 गोलियां लगीं, जबकि कुल 22 से 25 राउंड फायर किए गए। गंभीर रूप से घायल मिस्बाह को जग प्रसाद चंद्रा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मिस्बाह पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट और आर्म्स एक्ट शामिल हैं। वह जाफराबाद का निवासी था।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की सहायता से जल्दी ही आरोपियों की पहचान कर ली। सीलमपुर थाने की टीम ने छेनू गैंग के सरगना छेनू के भतीजे अब्दुल्ला को गिरफ्तार किया, जबकि स्पेशल सेल ने दूसरे आरोपी प्रिंस गाजी को पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि यह हाशिम बाबा और छेनू गैंग के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी का हिस्सा था। हाशिम बाबा गैंग लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा हुआ है, जबकि छेनू गैंग का पुराने रंजिश का इतिहास कई वर्षों से है। 2016 में कड़कड़डूमा कोर्ट में छेनू पर हमले का भी उल्लेख किया गया है।
इस समय, छेनू गैंग का एक अन्य सदस्य रिजवान फरार है, जो छेनू का भाई है। पुलिस ने उसके ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। डीसीपी (उत्तर-पूर्व) के अनुसार, हमलावरों के पास से हथियार बरामद हो सकते हैं। जांच में गैंगवार को रोकने के लिए सतर्कता बरती जा रही है। क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
हाशिम बाबा गैंग जाफराबाद, सीलमपुर और आस-पास के क्षेत्रों में वसूली और संपत्ति हड़पने में सक्रिय है। छेनू गैंग भी इसी क्षेत्र में प्रभावी है। पुलिस ने एमसीओसीए के तहत कार्रवाई की योजना बनाई है।