क्या दिल्ली में भाजपा का सफाई अभियान सिर्फ एक दिखावा था?

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क्या दिल्ली में भाजपा का सफाई अभियान सिर्फ एक दिखावा था?

सारांश

दिल्ली में भाजपा के सफाई अभियान पर उठे सवालों ने सभी को चौंका दिया है। मंत्री आशीष सूद की नाराजगी ने भाजपा को आत्ममंथन के लिए मजबूर किया है। क्या यह अभियान सिर्फ एक फोटो ऑपरेशन था? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • दिल्ली में सफाई अभियान ने सवाल उठाए हैं।
  • भाजपा के मंत्री ने अभियान की नाराजगी
  • आप ने इसे फोटो ऑपरेशन बताया।
  • अंकुश नारंग ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
  • सफाई में कोई खास सुधार नहीं हुआ।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए भाजपा सरकार ने 1 अगस्त से 2 अक्टूबर तक जो सफाई अभियान चलाया, वह अब सवालों के घेरे में आ गया है। आम आदमी पार्टी (आप) के एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने इस अभियान को फोटो ऑपरेशन बताते हुए भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया है। विशेष बात यह है कि इस बार आलोचना विपक्ष से नहीं, बल्कि भाजपा के अपने मंत्री आशीष सूद द्वारा उठाई गई है।

अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा मंत्री आशीष सूद ने सड़कों पर फैले कूड़े के ढेर को देखकर जो असंतोष व्यक्त किया है, वह प्रशंसा की योग्य है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी लंबे समय से जो कह रही थी, वह सच साबित हुआ। भाजपा का सफाई अभियान सिर्फ एक दिखावा था।

नारंग ने चुटकी लेते हुए कहा, "मैं सदन, बैठकों और प्रेस वार्ताओं में बार-बार कहता रहा कि यह अभियान दिल्ली को कूड़े से आजादी देने का नहीं, बल्कि कूड़े को आजादी देने का अभियान है। मैंने कई क्षेत्रों का दौरा कर जनता और मीडिया के सामने सड़कों पर पड़े कूड़े के ढेर को दिखाया, लेकिन भाजपा इस सच्चाई को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं थी। अब जब उनके अपने मंत्री ने कहा है कि सफाई अभियान से वे संतुष्ट नहीं हैं और यह महज फोटो ऑप्स था, तो भाजपा को आत्ममंथन करना चाहिए।"

उन्होंने यह भी कहा कि एक महीने तक चले अभियान में न तो सड़कों की सफाई हुई, न ही नालों की। 'वल्नरेबल पॉइंट्स' कहे जाने वाले स्थानों पर कूड़ा पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया। महापौर राजा इकबाल सिंह और स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन इस अभियान को सिर्फ आई-वॉश बनाकर जनता को गुमराह करना चाहते थे।

अंकुश नारंग ने कहा, "जब भाजपा के अपने मंत्री ही मानते हैं कि दिल्ली की हर सड़क कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुकी है, चाहे वह सेंट्रल हो, साउथ हो, वेस्ट हो या सिविल लाइन जोन, तो भाजपा को शर्म आनी चाहिए। जनता ने उन्हें 7 सांसद, 48 विधायक और एमसीडी की सत्ता देकर भरोसा जताया था, लेकिन उन्होंने केवल प्रचार किया, सफाई नहीं।"

नारंग ने आगे कहा कि जब महापौर अपने ही क्षेत्र की सफाई नहीं करा सके तो पूरे दिल्ली को साफ रखने का दावा करना सिर्फ जनता को धोखा देना है। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि क्या अब भी वे इस अभियान को सफल मानेंगे या जनता को सच्चाई बताएंगे?

Point of View

यह आवश्यक है कि राजनीतिक दल अपनी जिम्मेदारियों को समझें और जनता के प्रति सही और पारदर्शी रहें। सफाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर किसी भी प्रकार की लापरवाही लोकतंत्र के लिए घातक हो सकती है। हमें चाहिए कि हम अपनी नागरिक जिम्मेदारियों का पालन करें और नेताओं से भी इसी की अपेक्षा रखें।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में सफाई अभियान कब शुरू हुआ था?
दिल्ली में सफाई अभियान 1 अगस्त से 2 अक्टूबर तक चलाया गया था।
इस अभियान पर विपक्ष का क्या कहना है?
आप के अंकुश नारंग ने इसे फोटो ऑपरेशन बताया है और भाजपा पर हमला किया है।
क्या भाजपा के मंत्री ने सफाई अभियान की आलोचना की है?
हाँ, भाजपा के मंत्री आशीष सूद ने अभियान पर असंतोष व्यक्त किया है।
इस सफाई अभियान के परिणाम क्या रहे?
अंकुश नारंग ने कहा है कि सफाई अभियान में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
क्या भाजपा को इस मामले में आत्ममंथन करना चाहिए?
जी हाँ, जब उनके अपने मंत्री ने असंतोष व्यक्त किया है, तो भाजपा को आत्ममंथन करना चाहिए।