क्या एनआईए ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में नौवें आरोपी को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में यासिर अहमद डार को गिरफ्तार किया।
- यह नौवीं गिरफ्तारी है इस मामले में।
- धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी।
- यासिर ने साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- जांच में एक बड़े आतंकी नेटवर्क का पता चला।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली के लाल किले के निकट 10 नवंबर को हुए कार बम विस्फोट के मामले में एक और आरोपी की गिरफ्तारी की है। यह इस प्रकरण में नौवीं गिरफ्तारी है। आरोपी की पहचान जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी यासिर अहमद डार के रूप में हुई है।
एनआईए ने उसे दिल्ली से पकड़ा और पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने उसे 26 दिसंबर तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
यह विस्फोट एक हुंडई आई 20 कार में हुआ था, जिसमें आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी ड्राइविंग सीट पर था। विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 30 से अधिक लोग घायल हुए थे। जांच में पता चला है कि यासिर ने साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई और अन्य आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में था। वह उमर उन नबी और मुफ्ती इरफान जैसे आरोपियों से जुड़ा हुआ था।
एनआईए की जांच से यह मामला एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा प्रतीत होता है, जिसमें फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई डॉक्टर शामिल हैं। एजेंसी का मानना है कि यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़ा हुआ है।
अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें डॉ. मुजम्मिल शकील गनी, डॉ. शाहीन सईद, मुफ्ती इरफान और अन्य शामिल हैं। इस महीने की शुरुआत में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां डिजिटल डिवाइस और संदिग्ध सामग्री बरामद हुई।
केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर एनआईए पूरी साजिश का पता लगाने में जुटी हुई है। जांच में विदेशी हैंडलरों के लिंक भी सामने आ रहे हैं। यह गिरफ्तारी मामले में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है और आगे और खुलासे होने की उम्मीद है। इस हमले ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।