क्या जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने दिल्ली ब्लास्ट के बाद सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी उपायों की समीक्षा की?
सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा बैठक में सर्दियों की तैयारियों की समीक्षा की गई।
- दिल्ली ब्लास्ट के बाद उपराज्यपाल ने सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर बल दिया।
- सुरक्षा बलों ने काउंटर-टेरर ऑपरेशन को मजबूत करने की योजना बनाई है।
- सुरक्षा स्थिति को गंभीरता से लिया गया है।
- एनआईए ने इस मामले की जांच शुरू की है।
जम्मू, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को सर्दियों की तैयारी, कानून-व्यवस्था की स्थिति और दिल्ली ब्लास्ट के बाद की स्थितियों की संपूर्ण समीक्षा करने के लिए एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी अटल डुल्लू, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, विभिन्न सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कुछ चिकित्सकों से जुड़े व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) और इंटरनेशनल बॉर्डर (आईबी) पर हालात की समीक्षा की।
पुलिस, खुफिया और सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी।
डीजीपी नलिन प्रभात ने इस बैठक के दौरान जिला स्तर पर हाल ही में हुई ग्राउंड-लेवल समीक्षा बैठकों के आधार पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने काउंटर-टेरर ऑपरेशन, खुफिया प्रणाली को मजबूत करने और कम्युनिटी पुलिसिंग की पहलों के बारे में जानकारी साझा की।
उपराज्यपाल ने आने वाले महीनों के लिए सुरक्षा रणनीति को और मजबूत करने हेतु इन आकलनों और सिफारिशों पर ध्यान दिया।
उपराज्यपाल ने 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए आतंकी धमाके के बाद की स्थिति का भी आकलन किया। इस धमाके में 15 लोग मारे गए थे और 10 घायल हुए थे, जब एक आतंकवादी डॉ. उमर नबी ने अपनी विस्फोटक से भरी कार में धमाका किया था।
डॉ. उमर नबी तब गिरफ्तारी से बच निकला था, जब उसके दो आतंकी सहयोगियों, कुलगाम जिले के डॉ. आदिल राथर और पुलवामा जिले के डॉ. मुजम्मिल गनई को जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद में एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए गिरफ्तार किया था।
इस धमाके के बाद, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है, पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और जरूरी स्थानों पर सुरक्षा को बढ़ाया गया है।
दिल्ली ब्लास्ट मामले में अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें डॉ. आदिल राथर, डॉ. मुजम्मिल गनई, यूपी की डॉ. शाहीन शाहिद और उनके भाई, मौलवी इरफान, आमिर अली, जसीर बिलाल, डॉ. उमर फारूक और उनकी पत्नी शहजादा अख्तर और इलेक्ट्रिशियन तुफैल अहमद शामिल हैं।
एनआईए ने बताया है कि इन सभी ने इस आतंकवादी हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें आमिर राशिद अली को तब गिरफ्तार किया गया जब यह पता चला कि ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार उसके नाम पर रजिस्टर्ड थी, जबकि जसीर बिलाल वानी ने आत्मघाती हमलावर को तकनीकी सहायता प्रदान की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है।