क्या राष्ट्रीय एकता पदयात्रा शुरू हुई? सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर देशभर के युवा एक साथ चले
सारांश
Key Takeaways
- सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता पदयात्रा की शुरुआत।
- 11 दिन की यात्रा केवड़िया की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक जाएगी।
- युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करना।
- मुख्य समारोह में कई प्रमुख व्यक्तित्वों की उपस्थिति।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से एकता का संदेश।
आणंद (गुजरात), 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार को गुजरात के आणंद से एक भव्य राष्ट्रीय एकता मार्च की शुरुआत हुई। यह 11 दिनों की 180 किलोमीटर लंबी पदयात्रा केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक जाएगी। इस ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तहत ‘मेरा युवा भारत’ द्वारा किया गया है।
सुबह सबसे पहले अनेक प्रमुख मेहमान सरदार पटेल के पैतृक गांव करमसद पहुंचे और उनके घर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद शास्त्री मैदान, वल्लभ विद्यानगर में मुख्य समारोह आयोजित किया गया।
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, राज्य मंत्री निमुबेन बांभनिया, गुजरात भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा, कई मंत्री, दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति और युवा मामलों की सचिव पल्लवी जैन गोविल उपस्थित रहे। हजारों ‘मेरा युवा भारत स्वयंसेवक’ भी इस अवसर पर शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लिखित संदेश भेजकर इस यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की एकता की भावना आज भी हमें मार्गदर्शन देती है और आज का युवा ही आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेगा। समारोह में नया ‘सरदार गीत’ भी लोकार्पित किया गया और देशभर में आयोजित जिला-स्तरीय पदयात्राओं का वीडियो दिखाया गया। दोपहर 12 बजे सभी ने मिलकर हरी झंडी दिखाई और 'आत्मनिर्भर भारत' की शपथ ली।
पहले दिन पदयात्रियों ने 10.40 किलोमीटर की दूरी तय की और शाम को नावली में विश्राम किया। रास्ते में दस स्थानों पर सरदार पटेल की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। शास्त्री मैदान में “सरदार और कृषि सहकारिता की नींव” नामक एक विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
इसके साथ ही, देश के चार कोनों से चार और ‘प्रवाह यात्राएं’ भी चल रही हैं। गंगा प्रवाह दिल्ली से, यमुना प्रवाह जयपुर से, नर्मदा प्रवाह नागपुर से और गोदावरी प्रवाह 28 नवंबर से मुंबई से शुरू होकर आणंद पहुंचेगी। फिर सभी एक साथ मुख्य पदयात्रा में सम्मिलित होंगे।
शाम को नावली में एक जोरदार सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोक नृत्य, देशभक्ति गीत और सरदार पटेल के जीवन पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गए। हजारों युवाओं ने “एक भारत, आत्मनिर्भर भारत” के नारे लगाए।
अगले दस दिनों में यह पदयात्रा गुजरात के विभिन्न जिलों से गुजरेगी। हर स्थान पर प्रदर्शनियाँ, ग्राम सभाएँ, नुक्कड़ नाटक और जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 6 दिसंबर को सभी यात्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचेंगे।