क्या भारत का संविधान मजबूत है, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे हालात नहीं बनेंगे? - रामदास आठवले
सारांश
Key Takeaways
- संविधान का महत्व: संविधान दिवस पर उसके महत्व को रेखांकित किया गया।
- एकता का संदेश: सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं।
- राजनीतिक बयानों पर प्रतिक्रिया: आठवले ने दिग्विजय सिंह और ममता बनर्जी पर टिप्पणी की।
- लोकतंत्र की स्थिरता: लोकतंत्र कभी धोखे में नहीं आएगा।
- पश्चिम बंगाल की राजनीति: वहां एनडीए की सरकार आने की संभावना।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संविधान दिवस पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले समेत अनेक प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे। मीडिया से संवाद करते हुए उन्होंने कांग्रेस और ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि संविधान दिवस का महत्व अत्यधिक है। हमारे देश का संविधान अत्यंत मजबूत है, जिसके शिल्पकार डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर हैं। आज राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की उपस्थिति में सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। रिपब्लिकन पार्टी ने इस दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए दिल्ली प्रदेश में भी आयोजन किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान इतना सशक्त है कि इसे नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश की तरह नहीं बनाया जा सकता। यहाँ सभी धर्मों के लोग रहते हैं, फिर भी उनमें एकता है। हम सभी पीएम मोदी की अगुवाई में देश के विकास के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने चिंता जताई कि क्या भविष्य में देश में संवैधानिक व्यवस्था कायम रह पाएगी। इस पर आठवले ने कहा कि वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे और उनकी पार्टी समय-समय पर आशंका व्यक्त करते रहते हैं। वे समाज में बंटवारे की बातें करते हैं। कांग्रेस ने डिवाइड एंड रूल की नीति अपनाई है, जिससे हमेशा विवाद होते हैं। पार्टियाँ धोखे में आ सकती हैं, लेकिन लोकतंत्र कभी धोखे में नहीं आएगा।
उन्होंने ममता बनर्जी के बारे में कहा कि उनका सम्मान है। उन्होंने संघर्ष किया है। वह एनडीए में भी रह चुकी हैं, लेकिन जो वह कह रही हैं कि वे देश को हिला देंगी, यह सही नहीं है। उन्होंने पश्चिम बंगाल को हिला दिया है, लेकिन देश को कोई हिला नहीं सकता। देश को हिलाने की ताकत केवल नरेंद्र मोदी में है। उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। बंगाल में एनडीए की सरकार आने वाली है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में आपराधिक मामले बढ़ रहे हैं, लोग आंदोलन कर रहे हैं। टीएमसी की विदाई निश्चित है और एनडीए की सरकार बनेगी। पश्चिम बंगाल में एसआईआर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग की प्रक्रिया है। गलत लोगों को वोट देने से रोकना चाहिए। यदि बांग्लादेशी लोगों ने अपने नाम मतदाता सूची में डाला है, तो उसकी जांच चल रही है। एसआईआर पर सवाल उठाना उचित नहीं है।
आठवले ने कहा कि एक ओर लोग मतदाता सूची को सुधारने की मांग करते हैं और जब चुनाव आयोग इस पर कदम उठाता है, तो उसका विरोध होता है और वोट चोरी का आरोप लगता है। जब लोकसभा चुनाव में हमें नुकसान हुआ, तब हमने ऐसे आरोप नहीं लगाए थे।