क्या दिल्ली धमाके के बाद उत्तराखंड बॉर्डर सील किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली धमाका ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- उत्तराखंड में पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई है।
- सभी संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
- मुख्यमंत्री ने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
- जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया गया है।
देहरादून, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की राजधानी दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए धमाके में 10 लोगों की जान गई, जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए। सभी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। दिल्ली की इस घटना के बाद उत्तराखंड में भी सतर्कता को बढ़ा दिया गया है। प्रमुख शहरों और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल की संख्या बढ़ाते हुए तैनाती की गई है। सुरक्षा एजेंसियों को उच्च अलर्ट पर रखा गया है।
देहरादून में पुलिस ने भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में चौकसी को और बढ़ा दिया है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सहित सभी भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
एडीजी वी मुरुगेशन ने रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर सघन चेकिंग शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सीमा क्षेत्रों में गश्त और निगरानी में वृद्धि की गई है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में सभी एसएसपी और एसपी को अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड के सभी सीमा क्षेत्र को सील कर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस ने जनता से सोशल मीडिया और अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही शहर में ड्रोन, निगरानी कैमरों और अन्य तकनीकी गतिविधियों से निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। हर जानकारी उच्च अधिकारियों को उपलब्ध कराने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में हुई विस्फोट की घटना को अत्यंत दुखद बताया है। उन्होंने हताहत एवं घायल लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत चिंताजनक है। मुख्यमंत्री ने इस घटना के मद्देनजर उत्तराखंड के DGP को पुलिस को उच्च अलर्ट पर रखने और राज्य की सीमाओं पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए तथा हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जनता की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी स्थिति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूरे प्रदेश में चेकिंग अभियान चलाया जाए और हर वाहन की जांच के बाद ही उसे छोड़ा जाए।