क्या दिल्ली कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े जमीन सौदे मामले में सुनवाई स्थगित की?

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क्या दिल्ली कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े जमीन सौदे मामले में सुनवाई स्थगित की?

सारांश

दिल्ली की एक कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई स्थगित कर दी है। यह मामला 2008 में हुए एक विवादास्पद जमीन सौदे से संबंधित है। क्या यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में नए मोड़ लाएगा?

Key Takeaways

  • वाड्रा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप।
  • सुनवाई स्थगित, अगली तारीख 22 जनवरी, 2026।
  • ईडी ने 58 करोड़ रुपए की अपराध की कमाई बताई।
  • 43 संपत्तियाँ अस्थायी रूप से अटैच की गईं।
  • जमीन सौदे में प्रक्रियात्मक अनियमितताएं।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की एक न्यायालय ने मंगलवार को व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लेने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। यह मामला गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 2008 के एक जमीन सौदे से संबंधित धन शोधन का है।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कार्यवाही को 22 जनवरी, 2026 तक के लिए स्थगित कर दिया है। इस दिन अदालत ईडी की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने की मांग की गई है।

ईडी ने वाड्रा पर हरियाणा में 3.53 एकड़ ज़मीन से जुड़े धोखाधड़ी वाले लेन-देन के माध्यम से अपराध की कमाई करने का आरोप लगाया है। ईडी का कहना है कि यह अपराध की कमाई वाड्रा द्वारा संचालित कई कंपनियों के माध्यम से रूट की गई थी।

इससे पहले, दिल्ली की एक अदालत ने वाड्रा और अन्य आरोपितों को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि नए आपराधिक कानून के अनुसार, किसी भी शिकायत पर संज्ञान लेने से पहले आरोपितों को अपनी बात रखने का मौका देना आवश्यक है।

विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) सुशांत चांगोत्रा द्वारा पारित आदेश में कहा गया है, "शिकायत में नामित सभी प्रस्तावित आरोपियों को संज्ञान लेने के सवाल पर सुनवाई के लिए नोटिस जारी करें।"

ईडी के अनुसार, वाड्रा की कंपनी, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने, सीमित पूंजी होने के बावजूद, फरवरी 2008 में ओमकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.50 करोड़ रुपए में खरीदी थी।

जांच एजेंसी का आरोप है कि कोई वास्तविक भुगतान नहीं किया गया था। बिक्री दस्तावेज में गलत जानकारी दी गई, जिसमें ऐसे चेक का उल्लेख था, जो कभी जारी ही नहीं हुआ और न ही भुनाया गया। ईडी ने दावा किया है कि जमीन का मूल्य कम दिखाया गया था, जिससे स्टांप शुल्क की चोरी हुई, और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 423 के तहत एक अपराध है। अपनी शिकायत में, ईडी ने 58 करोड़ रुपए को अपराध की कमाई बताया है और 38.69 करोड़ रुपए की 43 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है, जिन्हें अपराध की कमाई के सीधे या मूल्य के बराबर बताया गया है।

ये संपत्तियां कथित तौर पर वाड्रा, उनकी कंपनी आर्टेक्स, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित संस्थाओं की हैं।

जांच एजेंसी ने पीएमएलए की धारा 4 के तहत अधिकतम सात साल की कड़ी कैद की सजा और अटैच की गई संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है।

अक्टूबर 2012 में, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने प्रक्रियात्मक अनियमितताओं का हवाला देते हुए शिकोहपुर जमीन डील रद्द कर दी थी। हालाँकि बाद में एक सरकारी पैनल ने वाड्रा और डीएलएफ को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद हरियाणा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।

Point of View

बल्कि यह न्यायिक प्रणाली के प्रति जनता के विश्वास को भी प्रभावित कर सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी आरोपों की निष्पक्ष सुनवाई हो और न्याय की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया जाए।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

रॉबर्ट वाड्रा पर क्या आरोप हैं?
रॉबर्ट वाड्रा पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं, जो 2008 में एक जमीन सौदे से जुड़े हैं।
दिल्ली कोर्ट ने सुनवाई क्यों स्थगित की?
दिल्ली कोर्ट ने सुनवाई को आरोपितों को अपनी बात रखने का मौका देने के लिए स्थगित किया है।
ईडी ने वाड्रा के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
ईडी ने वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है और 58 करोड़ रुपए की अपराध की कमाई बताई है।
क्या इस मामले में वाड्रा की संपत्तियाँ अटैच की गई हैं?
हाँ, ईडी ने 43 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है।
इस मामले की अगली सुनवाई कब होगी?
इस मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी, 2026 को होगी।
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