क्या दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुराने वाहनों पर रोक के आदेश की समीक्षा की मांग की?

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क्या दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुराने वाहनों पर रोक के आदेश की समीक्षा की मांग की?

सारांश

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध की पुनरावलोकन करने की मांग की है। सरकार का तर्क है कि यह नीति मध्यम वर्ग पर अनुचित दबाव डाल रही है। क्या यह कदम वायु गुणवत्ता में सुधार लाएगा?

Key Takeaways

  • दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
  • 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध की समीक्षा की मांग।
  • मध्यम वर्ग पर अनुचित दबाव का आरोप।
  • वैज्ञानिक अध्ययन के द्वारा वायु गुणवत्ता का आकलन करने की मांग।
  • वर्तमान नियमों की निष्पक्षता की जांच की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध की पुनरावलोकन करने की मांग की।

दिल्ली सरकार का कहना है कि वर्तमान नीति से मध्यम वर्ग पर अनुचित दबाव बढ़ रहा है। रेखा गुप्ता सरकार ने 2018 के उस नियम की समीक्षा की मांग की है जिसमें पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध है।

सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र सरकार या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को एक व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन करने का निर्देश दे। इस अध्ययन में वाहनों की उम्र के आधार पर लगाए गए प्रतिबंध के वास्तविक पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि क्या यह कदम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक है।

याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि सभी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध के प्रभाव और निष्पक्षता की पुनः जांच की जाए। सरकार एक अधिक सटीक, उत्सर्जन-आधारित नियामक ढांचे की समर्थन करती है, जो वाहन की उम्र के बजाय उससे होने वाले वायु प्रदूषण और वाहन की फिटनेस को ध्यान में रखे।

वर्तमान नियम सभी वाहनों के लिए एक समान अनुपालन की मांग करता है, चाहे वे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले हों या अच्छी तरह से रखरखाव किए गए, कम उपयोग वाले वाहन हों। यह क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर को प्रभावी ढंग से कम करने के व्यापक लक्ष्य के साथ मेल नहीं खाता।

दिल्ली सरकार ने बताया कि बीएस-6 वाहन, जो स्वच्छ उत्सर्जन मानक के तहत लाए गए हैं, बीएस-4 वाहनों की तुलना में काफी कम प्रदूषण फैलाते हैं। सरकार ने तर्क दिया कि वर्तमान में प्रतिबंध से प्रभावित कई वाहन अच्छी तरह से रखरखाव किए हुए हैं और आवश्यक मानदंडों का पालन करते हैं।

विभिन्न अध्ययनों का हवाला देते हुए सरकार ने कहा है कि कम इस्तेमाल होने वाली पुरानी गाड़ियों से प्रदूषण बहुत कम होता है। यह प्रतिबंध मध्यम वर्ग के लोगों पर अनावश्यक बोझ डाल रहा है, जो इन गाड़ियों का सीमित लेकिन आवश्यक रूप से उपयोग करते हैं। सरकार चाहती है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए अधिक वैज्ञानिक और निष्पक्ष उपाय किए जाएं।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम वायु गुणवत्ता और प्रदूषण के मुद्दों पर गहराई से विचार करें। दिल्ली सरकार की याचिका एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या नीति केवल वाहनों की उम्र पर आधारित होनी चाहिए या प्रदूषण के स्तर और वाहन की फिटनेस पर भी।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या मांग की?
दिल्ली सरकार ने 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध की समीक्षा की मांग की है।
सरकार का तर्क क्या है?
सरकार का तर्क है कि मौजूदा नीति मध्यम वर्ग पर अनुचित दबाव डाल रही है।
क्या सुप्रीम कोर्ट ने अध्ययन कराने का आदेश दिया है?
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन करने का निर्देश देने की मांग की है।