क्या आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने नकली फ्रेंच वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया?
सारांश
Key Takeaways
- आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने नकली वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया।
- गिरोह ने लाखों रुपये ठगे और 16 भारतीयों को धोखा दिया।
- मुख्य आरोपी वी. कन्नन को गिरफ्तार किया गया है।
- पुलिस ने 26 नकली वीजा-पासपोर्ट मामले सुलझाए हैं।
- जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई जारी है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआई एयरपोर्ट) पुलिस ने नौकरी के लालच में विदेश भेजने के नाम पर चल रहे एक बड़े नकली फ्रेंच वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह ने तमिलनाडु के नमक्कल और तिरुचिरापल्ली जिलों से कम से कम 16 भारतीयों से 10 से 12 लाख रुपए वसूल कर नकली फ्रेंच डी-टाइप वीजा बनवाकर पेरिस भेजने की कोशिश की थी।
28 अक्टूबर 2025 को टर्मिनल-3 के इमिग्रेशन काउंटर पर तीन यात्री, नवीराज सुब्रमण्यम (23), मोहन गांधी एलंगोवन (38) और प्रभाकरन सेंथिलकुमार (28), पेरिस जाने के लिए पहुंचे। जांच में उनके पासपोर्ट पर लगे फ्रेंच वीजा पूरी तरह नकली पाए गए। इनमें सुरक्षा के जरूरी फीचर्स गायब थे। तुरंत तीनों को हिरासत में लेकर बीएनएस एक्ट और पासपोर्ट एक्ट की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि इनके वीजा नमक्कल के एक बड़े एजेंट ने 10-12 लाख रुपए प्रति व्यक्ति लेकर बनवाए थे। इसके बाद एसएचओ इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार त्यागी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर संजय पंघाल और हेड कांस्टेबल सूबे राम की विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर टीम ने मुख्य एजेंट वी. कन्नन (55 वर्ष), पुत्र वडामलाई, निवासी नानजई अडियार, नमक्कल को तमिलनाडु से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार एजेंट वी. कन्नन परमथी में सरकारी आईटीआई चलाता है और वेलूर में 'वेट्री ओवरसीज' नाम की एजुकेशन कंसल्टेंसी भी संचालित करता है। उसने कबूल किया कि मदुरै के साथी एजेंट साथिक सैयद उर्फ अब्दुल हकीम के साथ मिलकर उसने पेरिस में वेयरहाउस की नौकरियों का लालच देकर लोगों से पैसे ऐंठे। इंटरव्यू के नाम पर लोगों को बुलाया जाता था, फिर नकली वीजा लगवाकर भेजने का वादा किया जाता था। पैसे बैंक ट्रांसफर और नकद दोनों तरीकों से लिए जाते थे। सह-आरोपी साथिक सैयद की तलाश जारी है।
गिरफ्तार आरोपियों में वी. कन्नन (55), मुख्य एजेंट, और तीन यात्री, नवीराज सुब्रमण्यम (23), मोहन गांधी एलंगोवन (38) और प्रभाकरन सेंथिलकुमार (28) शामिल हैं।
नवंबर 2025 में ही आईजीआई पुलिस ने नकली वीजा-पासपोर्ट के 26 मामले सुलझाए हैं, जिनमें 6 धोखेबाज एजेंट शामिल हैं। इसके अलावा 28 दलालों को भी पकड़ा गया है। डीसीपी आईजीआई एयरपोर्ट विचित्र वीर (आईपीएस) ने बताया कि नकली वीजा और मानव तस्करी के रैकेट के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है। ऐसे गिरोहों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और आगे भी ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी रहेगी।