क्या यमुना नदी का कायाकल्प संभव है? दिल्ली जल बोर्ड ने 917 करोड़ के सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट को दी मंजूरी

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क्या यमुना नदी का कायाकल्प संभव है? दिल्ली जल बोर्ड ने 917 करोड़ के सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट को दी मंजूरी

सारांश

दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए 917 करोड़ के सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। यह परियोजना नई तकनीकों के माध्यम से नदी की सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जानें, इस योजना के बारे में और इसके संभावित लाभ।

Key Takeaways

  • यमुना नदी का कायाकल्प एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • 917 करोड़ का प्रोजेक्ट प्रदूषण को कम करने में सहायक होगा।
  • सीवेज सफाई क्षमता में 51.5 मिलियन गैलन प्रतिदिन की वृद्धि।
  • नई तकनीक के जरिए यमुना नदी को साफ करने के प्रयास।
  • दिल्ली सरकार का जल प्रबंधन में सुधार का प्रयास।

नई दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने 917 करोड़ के सीवेज प्लांट प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय दिल्ली जल बोर्ड की 173वीं बोर्ड बैठक में लिया गया।

दिल्ली जल बोर्ड की 173वीं बोर्ड बैठक में 917 करोड़ रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के उन्नयन और क्षमता विस्तार के तीन मुख्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं से दिल्ली की सीवेज सफाई क्षमता में 51.5 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) की बढ़ोतरी होगी, जिससे यमुना नदी में प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि यमुना विहार फेज-3 में मौजूदा 25 एमजीडी एसटीपी को 40 एमजीडी तक उन्नत किया जाएगा और यमुना विहार फेज-4 में नया 15 एमजीडी का एसटीपी स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 403 करोड़ रुपए है, जिसमें 12 साल तक संचालन और रखरखाव शामिल हैं। यह प्लांट दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नवीनतम मानकों पर आधारित होगा।

इसके अतिरिक्त, केशोपुर फेज-1 एसटीपी की क्षमता को 12 एमजीडी से बढ़ाकर 18 एमजीडी किया जाएगा। इस परियोजना की लागत 133.33 करोड़ रुपए है, जिसमें 11 साल का व्यापक संचालन और रखरखाव शामिल है। यह अपग्रेड भी डीपीसीसी/एनजीटी मानकों के अनुरूप होगा और यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। प्रस्तावित परियोजना में 6 एमजीडी की क्षमता बढ़ाई जाएगी।

वहीं, तीसरे प्रस्ताव में दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज फेज-1 (2.2 से 3.2 एमजीडी), वसंत कुंज फेज-2 (3 से 4.5 एमजीडी), घिटोरनी (5 से 7.5 एमजीडी), महरौली (5 से 7.5 एमजीडी) और ओखला फेज-5 (16 से 24 एमजीडी) के एसटीपी को उन्नत किया जाएगा। इस परियोजना की लागत 381 करोड़ रुपए है, जिसमें 12 साल तक संचालन और रखरखाव शामिल है। इन अपग्रेड्स से कुल 15.5 एमजीडी की अतिरिक्त क्षमता प्राप्त होगी।

बता दें कि दिल्ली सरकार का यमुना नदी की सफाई पर फोकस है और इसके लिए सरकार की ओर से लगातार कदम भी उठाए जा रहे हैं।

Point of View

बल्कि यह दिल्ली की जल प्रबंधन प्रणाली को भी मजबूत करेगा। यह एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो राष्ट्र के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रसर है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली जल बोर्ड ने सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट को कब मंजूरी दी?
दिल्ली जल बोर्ड ने यह प्रोजेक्ट 13 अगस्त को मंजूरी दी।
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत क्या है?
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 917 करोड़ रुपए है।
इस प्रोजेक्ट से सीवेज सफाई क्षमता में कितनी वृद्धि होगी?
इस प्रोजेक्ट से 51.5 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) की वृद्धि होगी।
यमुना विहार में नए एसटीपी की क्षमता क्या होगी?
यमुना विहार में नए एसटीपी की क्षमता 15 एमजीडी होगी।
इस परियोजना की संचालन अवधि कितनी होगी?
इस परियोजना की संचालन अवधि 12 साल होगी।