दिल्ली के राजा गार्डन में इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में आग क्यों लगी? 4 कर्मचारियों की मौत और एक घायल

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली के राजा गार्डन में शोरूम में आग से चार कर्मचारियों की मौत हुई।
- आग लगने के कारणों की जांच चल रही है।
- परिजनों ने शोरूम मालिक की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
- घायल कर्मचारी को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया।
- सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के वेस्ट जिले के राजा गार्डन क्षेत्र में एक प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में सोमवार दोपहर को भीषण आग लग गई। इस घटना में चार कर्मचारियों की मृत्यु हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना मोती नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। आग लगभग 3 बजे शोरूम की पहली मंजिल पर लगी, जो तेजी से दूसरी और तीसरी मंजिल तक फैल गई। घटना के समय शोरूम की तीसरी मंजिल पर पांच कर्मचारी दोपहर का खाना खा रहे थे।
उन्होंने आग लगने के बाद छत की ओर भागकर बचने का प्रयास किया, लेकिन रास्ता बंद और सामान से भरा हुआ था। इस कारण वे फंस गए और धुएं व आग की चपेट में आकर दम घुटने से उनकी मृत्यु हो गई।
संदीप (23) नामक एक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे पहले गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में भर्ती किया गया और फिर सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया।
मृतकों की पहचान अमनदीप कौर (21), आयुषी (23), पायल (20), और रवि (28) के रूप में की गई है।
मृतक अमनदीप कौर की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "अमनदीप ने मुझे पहले ही बताया था कि ऊपर खाना खाने जाते हैं, लेकिन यदि कोई हादसा हो तो छत से निकलने का कोई रास्ता नहीं है।" हादसे की सूचना मिलने पर वह तुरंत गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल पहुंची। वह शोरूम में कैशियर के रूप में कार्यरत थी और बिल भी बनाती थी।
घायल संदीप ने परिजनों को बताया कि उसने एक लड़की को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन सामान होने के कारण वह सफल नहीं हो पाया और सीढ़ियों से फिसलकर नीचे गिर गया, जिससे उसकी जान बच गई।
घटना की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की लगभग छह गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया।
डीसीपी पश्चिमी जिला ने बताया कि इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। आग के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है और पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
परिजनों ने इस घटना के लिए शोरूम मालिक की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे और ऊपर की मंजिलों पर सामान भरा पड़ा था, जिससे रास्ता पूरी तरह बंद था।