क्या दिल्ली की आबोहवा में सुधार संभव नहीं है? वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज
                                सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में है।
 - आनंद विहार में एक्यूआई 392 है।
 - मुख्यमंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण को प्राथमिकता दी है।
 - कूड़ा जलाने पर विशेष निगरानी टीमें बनाई जा रही हैं।
 - पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय से प्रयास हो रहे हैं।
 
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है। मंगलवार सुबह भी आसमान में धुंध की परत छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बढ़ी हुई खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। यह स्थिति दिल्ली के लगभग 17 क्षेत्रों में बनी हुई है।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, आईटीओ और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक्यूआई 347 दर्ज किया गया, जो 'बढ़ी हुई खराब' श्रेणी में आता है। आनंद विहार और उसके आस-पास के क्षेत्र में एक्यूआई 392 बना हुआ है। कर्तव्य पथ क्षेत्र में एक्यूआई 278 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है।
हालांकि, दिल्ली के जहांगीरपुरी क्षेत्र में हालात और बिगड़ गए हैं। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार दर्ज किया गया।
इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि प्रदूषण प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम रेखा गुप्ता का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने सोमवार को राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए अतिरिक्त टीमें नियुक्त करें, औद्योगिक इकाइयों और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि लक्ष्य केवल प्रदूषण को कम करना नहीं, बल्कि उसकी वृद्धि को पूरी तरह रोकना है। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कूड़ा जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रोक के लिए विशेष निगरानी टीमें गठित की जा रही हैं। उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगेगा। साथ ही नियमानुसार कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय बनाकर वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए साझा प्रयास निरंतर जारी हैं।