क्या यमुना का पानी गीता कॉलोनी श्मशान घाट में घुस आया है?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना नदी का जलस्तर खतरे के संकेत से ऊपर है।
- गीता कॉलोनी श्मशान घाट में बाढ़ के कारण अंतिम संस्कार प्रभावित हो रहे हैं।
- सरकार राहत कार्यों को गति दे रही है।
- 14,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
- अस्थायी आश्रय स्थलों का प्रबंध किया गया है।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने कई क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इनमें गीता कॉलोनी का क्षेत्र भी शामिल है, जहां श्मशान घाट के अंदर लगभग 10 फीट पानी भर गया है। बाढ़ के पानी के कारण श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की प्रक्रियाएं बाधित हो रही हैं।
गीता कॉलोनी श्मशान घाट के प्रधान संजय शर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि 2023 में जैसे हालात थे, इस बार भी वही स्थिति है। श्मशान घाट आने वाले लोग बहुत परेशान हैं और इसके बावजूद हम यहां अंतिम संस्कार कर रहे हैं। यदि बाढ़ का पानी इसी तरह बढ़ता रहा, तो हमें अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को भी रोकना पड़ सकता है।
उन्होंने आगे बताया, "सरकार द्वारा श्मशान घाट में कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जब बाढ़ का पानी घाट में आया, तो नीचे की लाइटें तुरंत बंद कर दी गईं, जबकि ऊपरी कमरों में लाइट की व्यवस्था को बनाए रखा गया है।"
गौरतलब है कि यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर 207.48 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है।
यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से न केवल गीता कॉलोनी श्मशान घाट, बल्कि निगमबोध घाट और वजीराबाद श्मशान घाट भी प्रभावित हुए हैं। नगर निगम ने इन श्मशान घाटों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और लोगों से वैकल्पिक स्थानों का उपयोग करने का अनुरोध किया है।
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रभावित लोगों के लिए आईटीओ, मयूर विहार और गीता कॉलोनी में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
राजस्व विभाग के अनुसार, 8,018 लोगों को तंबुओं में और 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है।