क्या दिल्ली के लिए अगले 72 घंटे महत्वपूर्ण हैं? हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ा

सारांश
Key Takeaways
- हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है।
- दिल्ली में अगले 72 घंटों में बाढ़ का खतरा है।
- स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की संभावनाएं हैं।
- प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज से 16 और 18 अगस्त को मिलाकर कुल 2.40 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण अगले 72 घंटों में दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
हथिनीकुंड बैराज से 16 अगस्त को 1.78 लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया, और 18 अगस्त को लगभग 65 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया। इसका प्रभाव अगले 72 घंटों में दिल्ली में स्पष्ट हो सकता है। ऐसे में यमुना किनारे के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
वर्तमान में, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ है। मंगलवार सुबह 8 बजे दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर 205.85 मीटर दर्ज किया गया, जो 206 मीटर के खतरे के निशान से थोड़ा कम है। सोमवार दोपहर तक, नदी का जलस्तर 205.33 मीटर को पार कर 205.55 मीटर तक पहुँच गया था और तब से लगातार बढ़ रहा है। जलस्तर में वृद्धि के चलते अधिकारियों ने ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं।
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के यमुना बाजार और आसपास के क्षेत्रों में पानी घुसने लगा है, जिससे निवासियों को अपने घर छोड़कर अस्थायी तंबुओं या छतों पर शरण लेनी पड़ रही है।
एक स्थानीय निवासी अनिरुद्ध ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सोमवार दोपहर से पानी जमा हो गया है, जिससे काफी मुश्किलें आ रही हैं और उनका सामान छत पर ले जाना पड़ा है। देव प्रकाश पांडे ने कहा कि हमें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हमारे कई सामान बर्बाद हो गए हैं, और हमें छतों पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। खाना भी नहीं मिल रहा है।
हालांकि, बाढ़ की आशंका को देखते हुए दिल्ली में सिंचाई विभाग और प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं। यमुना किनारे रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।