क्या दिल्ली में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है? एमटीएस कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराए सरकार: अंकुश नारंग

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क्या दिल्ली में डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है? एमटीएस कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराए सरकार: अंकुश नारंग

सारांश

दिल्ली में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है। 5,200 एमटीएस और सीएफडब्ल्यू कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। नेताओं के आरोप और स्वास्थ्य संकट के बीच स्थिति विकट होती जा रही है। क्या सरकार इस संकट को सुलझा पाएगी?

Key Takeaways

  • डेंगू और मलेरिया के मामलों में वृद्धि हो रही है।
  • 5,200 एमटीएस और सीएफडब्ल्यू कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
  • स्वास्थ्य संकट के कारण सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
  • कर्मचारियों की मांगों में समान वेतन और मेडिकल लीव शामिल हैं।
  • दिल्ली में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस दौरान दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 5,200 एमटीएस और सीएफडब्ल्यू कर्मचारी पिछले नौ दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) के एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने मंगलवार को हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों का समर्थन किया। उन्होंने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा केवल 60 करोड़ रुपए सालाना बचाने के लिए 5 हजार कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर कर रही है।

नारंग ने कहा कि जब से ये कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, तब से दिल्ली में फॉगिंग और मच्छरनाशी दवाओं का छिड़काव बंद है। यही वजह है कि डेंगू और मलेरिया के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार बनने के बाद से न कर्मचारी खुश हैं और न ही दिल्ली की जनता। भाजपा सरकार के गैरजिम्मेदार रवैये के कारण राजधानी में स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की एमसीडी सरकार ने ही इन कर्मचारियों को डीबीसी से एमटीएस का दर्जा दिलाया था। मैंने 26 सितंबर को सदन में मेयर राजा इकबाल सिंह को आगाह किया था कि ये कर्मचारी 29 सितंबर को हड़ताल पर जा रहे हैं, लेकिन मेयर ने उनसे बात करने के लिए 10 मिनट का समय तक नहीं निकाला।

अंकुश नारंग ने कर्मचारियों की तीन मुख्य मांगों को पूरी तरह जायज बताया, जिसमें समान वेतन, मेडिकल लीव, और मृत्यु पर परिवार को नौकरी शामिल है। उन्होंने कहा कि एमटीएस कर्मचारियों को अब भी छह अलग-अलग स्केल में सैलरी मिलती है, जबकि सभी एक ही तरह का काम करते हैं।

उन्होंने सवाल किया कि मेडिकल लीव कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को मिलती है, तो इन्हें क्यों नहीं? ये लोग मलेरिया-डेंगू जैसी बीमारियों के बीच काम करते हैं। मेडिकल हेल्थ ऑफिसर (एमएचओ) ने माना कि समान वेतन से हर महीने करीब 5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा, यानी सालाना 60 करोड़ रुपए।

उन्होंने आगे कहा कि जब भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मेयर राजा इकबाल सिंह खुद कहते हैं कि फंड की कोई कमी नहीं है, तो फिर इन कर्मचारियों को न्याय देने में क्या दिक्कत है? भाजपा प्रचार और विज्ञापनों पर इससे कहीं अधिक खर्च करती है।

दिल्ली में बढ़ते डेंगू-मलेरिया मामलों पर चिंता जताते हुए नारंग ने कहा कि इस साल अब तक डेंगू के 840, मलेरिया के 431 और चिकनगुनिया के 75 केस दर्ज किए गए हैं, जो पिछले पांच सालों में सबसे अधिक हैं। आठ दिनों से फॉगिंग और टैंक चेकिंग बंद होने से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।

—राष्ट्र प्रेस

पीकेटी/पीएसके

Point of View

जबकि एमटीएस कर्मचारियों की हड़ताल ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस मुद्दे पर सभी पक्षों को ध्यान देने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य संकट के बीच, सरकार को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में डेंगू के कितने केस दर्ज हुए हैं?
इस साल अब तक डेंगू के 840 केस दर्ज हुए हैं।
एमटीएस कर्मचारियों की मुख्य मांगें क्या हैं?
उनकी मुख्य मांगें समान वेतन, मेडिकल लीव, और मृत्यु पर परिवार को नौकरी हैं।
क्यों एमटीएस कर्मचारी हड़ताल पर हैं?
कर्मचारी अपने अधिकारों और वेतन में समानता की मांग कर रहे हैं।
क्या भाजपा सरकार इस मामले में कुछ करेगी?
भाजपा सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
दिल्ली में मलेरिया के कितने केस हैं?
दिल्ली में मलेरिया के 431 केस दर्ज हुए हैं।