क्या टेक सपोर्ट स्कैम मामले में ईडी की कार्रवाई से धोखाधड़ी का अंत होगा?

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क्या टेक सपोर्ट स्कैम मामले में ईडी की कार्रवाई से धोखाधड़ी का अंत होगा?

सारांश

ईडी की ताजा कार्रवाई से टेक सपोर्ट स्कैम के कई पहलुओं का पर्दाफाश हुआ है। क्या इस कार्रवाई से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी? आइए जानते हैं इस स्कैम के बारे में और ईडी की कार्रवाई की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी की कार्रवाई ने टेक सपोर्ट स्कैम के कई पहलुओं को उजागर किया।
  • धोखाधड़ी में शामिल लोग विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं।
  • पीड़ितों को सतर्क रहना चाहिए और अनजान कॉल से बचना चाहिए।
  • क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग धोखाधड़ी में किया जा रहा है।
  • जागरूकता से हम धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। टेक सपोर्ट स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, हरियाणा और मुंबई में स्थित 15 स्थानों पर रेड मारी।

यह जांच पीएमएलए के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा करण वर्मा और अन्य के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। जांच से यह भी सामने आया कि धोखेबाज दिल्ली के रोहिणी, पश्चिम विहार और राजौरी गार्डन में कई अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे, जहां वे खुद को चार्ल्स श्वाब फाइनेंशियल सर्विसेज, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल जैसी प्रसिद्ध कंपनियों के ग्राहक सहायता अधिकारी के रूप में पेश करते थे। उनका उद्देश्य अमेरिका के भोले-भाले विदेशी नागरिकों को धोखा देना और उनकी संपत्ति हड़पना था।

इन धोखेबाजों की कार्यप्रणाली में बीएसओडी (ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ) शामिल थी, जिसमें ग्राहक के डिवाइस में घातक एरर उत्पन्न किए जाते थे। ये लोग भ्रामक पॉप-अप का उपयोग करते थे, जो असली विंडोज ब्लू स्क्रीन की तरह लगते थे। पीड़ितों को फर्जी समस्या को 'ठीक' करने के लिए एक फोन नंबर पर कॉल करने के लिए प्रेरित किया जाता था। इस तरह, पीड़ित धोखाधड़ी के जाल में फंस जाते थे और अपनी मेहनत की कमाई खो देते थे।

पीड़ितों की नकदी को क्रिप्टोकरेंसी, गिफ्ट कार्ड आदि में परिवर्तित किया जाता था, जिसे बाद में हवाला के माध्यम से धोखेबाजों और उनके सहयोगियों को भेजा जाता था।

मामले की जांच में पता चला है कि धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए गए क्रिप्टो वॉलेट में लाखों अमेरिकी डॉलर का लेनदेन हुआ है। तलाशी अभियान के दौरान दिल्ली में एक और अवैध कॉल सेंटर का भी पता चला। ईडी ने पीएमएलए के तहत उसकी भी तलाशी ली। यह कॉल सेंटर भी फर्जी तकनीकी सहायता के बहाने विदेशी नागरिकों से पैसे ऐंठने के लिए चलाया जा रहा था।

Point of View

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई महत्वपूर्ण है। यह न केवल धोखाधड़ी के मामलों को उजागर करती है, बल्कि यह लोगों को जागरूक करने का भी एक साधन है। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और ऐसे धोखाधड़ी से बचने के लिए सही जानकारी हासिल करनी चाहिए।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

टेक सपोर्ट स्कैम क्या है?
टेक सपोर्ट स्कैम एक धोखाधड़ी है जहां धोखेबाज खुद को तकनीकी सहायता कर्मचारी बताकर लोगों को ठगते हैं।
ईडी ने कितने स्थानों पर रेड मारी?
ईडी ने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, हरियाणा और मुंबई में 15 स्थानों पर रेड मारी।
धोखेबाज किस प्रकार का धोखा देते हैं?
धोखेबाज लोग ग्राहकों को फर्जी तकनीकी समस्याओं के लिए पॉप-अप दिखाकर उन्हें धोखा देते हैं।
क्या पीड़ितों की संपत्ति वापस मिल सकती है?
यदि जांच में धोखाधड़ी का प्रमाण मिलता है, तो पीड़ितों की संपत्ति वापस मिलने की संभावना होती है।
धोखेबाजों को कैसे पहचाना जा सकता है?
अगर कोई व्यक्ति आपको तकनीकी सहायता के लिए कॉल करता है और व्यक्तिगत जानकारी मांगता है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि वह धोखेबाज है।