क्या बिना वैध पीयूसीसी के ईंधन मिल सकेगा? बीएस-4 से कम वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर रोक

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क्या बिना वैध पीयूसीसी के ईंधन मिल सकेगा? बीएस-4 से कम वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर रोक

सारांश

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। बिना वैध पीयूसीसी के ईंधन नहीं मिलेगा। यह कदम वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए है। क्या इससे प्रदूषण में कमी आएगी? जानें विस्तार से।

Key Takeaways

  • दिल्ली सरकार ने बिना वैध पीयूसीसी के ईंधन नहीं देने का निर्णय लिया है।
  • बीएस-VI से कम मानक वाले वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
  • वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं।
  • 280 औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं।
  • इलेक्ट्रिक बसों का लक्ष्य 7,500 तक पहुँचाना है।

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने की घोषणा की है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को बताया कि 18 दिसंबर से बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) वाले वाहनों को दिल्ली के पेट्रोल/डीज़ल/सीएनजी पंपों से ईंधन नहीं मिलेगा। सभी डीलरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड और बीएस-VI से कम मानक वाले वाहनों को ग्रैप-III और ग्रैप-IV लागू होने पर राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा ग्रैप-IV के दौरान कंस्ट्रक्शन मटेरियल ले जाने वाले किसी भी वाहन की दिल्ली में एंट्री प्रतिबंधित रहेगी। नियमों के पालन की जांच एएनपीआर सिस्टम और जमीनी स्तर पर की जाएगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिरसा ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में वायु गुणवत्ता में सुधार का रुझान दिखा है। उन्होंने दावा किया कि 11 में से 8 महीनों में एक्यूआई पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा, जबकि नवंबर में औसतन करीब 20 अंकों का सुधार दर्ज किया गया।

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री यूनिट्स पर 2,000 से अधिक नोटिस जारी किए गए हैं और 9.21 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेनल्टी लगाई गई है। 280 औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं। डीजल जनरेटर सेट्स और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी सख्ती जारी है। 3,200 से अधिक डीजी सेट्स और 318 बैंक्वेट हॉल्स की जांच की गई है।

दिल्ली के तीनों लैंडफिल साइट्स पर लेगेसी वेस्ट बायोमाइनिंग की क्षमता 20,000 से बढ़ाकर 35,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन कर दी गई है। अब तक 45 एकड़ भूमि मुक्त कर पौधारोपण और अर्बन फॉरेस्ट विकसित किए जा रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 3,427 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हो चुकी हैं और दिसंबर 2026 तक 7,500 ई-बसों का लक्ष्य तय किया गया है।

मंत्री ने वाहन मालिकों से तुरंत वैध पीयूसीसी बनवाने और नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा, “9–10 महीनों में प्रदूषण पूरी तरह खत्म नहीं हो सकता, लेकिन दिशा और नीयत साफ है। साफ हवा सरकार और जनता के साझा प्रयास से ही संभव है।”

Point of View

जो कि एक गंभीर समस्या बन गई है। अगर यह नियम सही से लागू किए जाते हैं, तो इससे वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि नागरिक इन नियमों का पालन करें।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या बिना पीयूसीसी के वाहन को ईंधन मिलेगा?
नहीं, 18 दिसंबर से बिना वैध पीयूसीसी के वाहन को दिल्ली में ईंधन नहीं मिलेगा।
क्या बीएस-IV से कम वाहन दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं?
नहीं, बीएस-IV से कम मानक वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार कैसे होगा?
सख्त नियमों और निगरानी के माध्यम से वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।
क्या उद्योगों पर भी सख्ती की जा रही है?
जी हां, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर नोटिस और पेनल्टी लगाई जा रही है।
क्या इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में शामिल हो रही हैं?
हाँ, दिल्ली में 3,427 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हो चुकी हैं।
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