क्या दिल्ली में आज क्लाउड सीडिंग से प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है?

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क्या दिल्ली में आज क्लाउड सीडिंग से प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि आज दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की जा सकती है? यह कदम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया जा रहा है। मौसम विभाग ने इसे संभव बताया है, यदि दृश्यता अनुकूल रहती है। जानें इसके पीछे की तकनीक और संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • क्लाउड सीडिंग से प्रदूषण में कमी की उम्मीद।
  • विजिबिलिटी के आधार पर उड़ान भरेगी।
  • दिल्ली की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम
  • प्रदूषण नियंत्रण के लिए वैज्ञानिक उपाय।
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान दें।

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने हेतु आज क्लाउड सीडिंग की जाने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, यदि विजिबिलिटी (दृश्यता) अनुकूल रहती है, तो कानपुर से क्लाउड सीडिंग करने वाला विमान उड़ान भर सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य कृत्रिम वर्षा के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों की मात्रा को घटाना है, जिससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हो सके।

इससे पहले बुराड़ी और खेरा के बीच क्लाउड सीडिंग का परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक किया जा चुका है, जिसमें तकनीकी टीमों ने मौसम की परिस्थितियों का बारीकी से अध्ययन किया था। रिपोर्ट के अनुसार, यह उड़ान सफल रही, जिसके बाद अब असली प्रयोग की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में बताया कि बुराड़ी क्षेत्र में कृत्रिम वर्षा हेतु विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण किया गया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग द्वारा कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। यह प्रयोग राजधानी की वायु को स्वच्छ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे का समाधान वैज्ञानिक तरीके से करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य राजधानी की हवा को स्वच्छ और पर्यावरण को संतुलित बनाना है।

सरकार का कहना है कि यह प्रयास केवल वर्तमान में ही नहीं, बल्कि भविष्य को ध्यान में रखकर भी योजनाएं बनाई जा रही हैं।

क्लाउड सीडिंग का यह प्रयोग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सहयोग से किया जा रहा है।

यह ध्यान देने योग्य है कि वायु प्रदूषण ने दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों की सांसें रोक दी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने की सलाह दी है।

यदि आज मौसम ने साथ दिया तो दिल्ली में कृत्रिम वर्षा का यह पहला सफल प्रयास हो सकता है और प्रदूषण से जूझ रही राजधानी को थोड़ी राहत भी मिलेगी।

Point of View

जो न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य की योजनाओं के लिए एक ठोस आधार भी प्रदान करेगा। यह प्रयोग वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रदूषण के समाधान का एक प्रयास है, जो राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान देने योग्य है।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

क्लाउड सीडिंग क्या है?
क्लाउड सीडिंग एक तकनीक है जिसमें बादलों में कृत्रिम तत्व डाले जाते हैं ताकि वर्षा को बढ़ाया जा सके।
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का उद्देश्य क्या है?
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना और वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार लाना है।
क्या यह प्रयोग सफल होगा?
अगर मौसम अनुकूल रहा, तो यह प्रयोग सफल हो सकता है और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।