क्या दिल्ली में साइबर ठग गिरफ्तार हुआ है, जो नकली होटल बुकिंग से लोगों को ठग रहा था?

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क्या दिल्ली में साइबर ठग गिरफ्तार हुआ है, जो नकली होटल बुकिंग से लोगों को ठग रहा था?

सारांश

दिल्ली के साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में साइबर क्राइम पुलिस ने एक कुख्यात साइबर ठग शाहरुख को गिरफ्तार किया। आरोप है कि उसने नकली होटल बुकिंग के जरिए लोगों को ठगा। इस मामले में जांच जारी है और पुलिस अब नसीम की तलाश कर रही है।

Key Takeaways

  • साइबर ठगी के मामलों में सतर्कता आवश्यक है।
  • ऑनलाइन लेन-देन के दौरान पहचान सत्यापन करें।
  • फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहें।
  • साइबर अपराधों की शिकायत तुरंत दर्ज करें।
  • पुलिस कार्रवाई में सहयोग करें।

नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की साइबर अपराध पुलिस ने एक notorious साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जो नकली होटल बुकिंग के जरिए लोगों को ठगने में लगा था। आरोपी शाहरुख (25), हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर जिरका का निवासी है।

उसके पास से ठगी में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में एक विशेष टीम गठित की गई थी।

इस टीम में एसआई लव देशवाल, एचसी सचिन, एचसी विक्रम महला, एचसी विनोद, एचसी विजय पाल और कांस्टेबल नरेंद्र शामिल थे। जांच में पता चला कि ठगी की राशि एक आईसीआईसीआई बैंक के मर्चेंट खाते में गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि वेबसाइट फर्जी नाम से बनाई गई थी। पुलिस ने आरोपी शाहरुख को हरियाणा के नूंह से गिरफ्तार किया।

उसके पास से एक रियलमी फोन और एक अन्य नंबर वाला फोन बरामद हुआ, जो फर्जी वेबसाइट के लिए इस्तेमाल हुआ था।

पूछताछ में शाहरुख ने बताया कि वह अकेले काम करता था और वेबलिंक उसे नसीम नाम के व्यक्ति से मिला था। पुलिस अब नसीम की तलाश कर रही है।

पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने गोवा के ललित गोल्फ एंड स्पा रिजॉर्ट में कमरा बुक करने के लिए ऑनलाइन सर्च किया। सर्च के दौरान वह (dalalitxxlgrxxor.in) नाम की वेबसाइट पर पहुंचा, जो ललित ग्रुप की आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखती थी।

वेबसाइट पर दिए नंबर पर संपर्क करने पर, कॉलर ने खुद को ललित ग्रुप का प्रतिनिधि बताया। बुकिंग की पुष्टि के बाद, शिकायतकर्ता से पहले 50 प्रतिशत अग्रिम भुगतान मांगा गया, लेकिन बाद में सिस्टम में आंशिक भुगतान स्वीकार न होने का बहाना बनाकर पूरी राशि मांगी गई।

शिकायतकर्ता ने यूपीआई आधारित क्यूआर कोड के जरिए 33,000 रुपये का भुगतान कर दिया। जब बुकिंग फर्जी निकली, तो मामले की शिकायत दर्ज की गई। इसके बाद, साइबर थाना, साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में एफआईआर नंबर 39/2025 दर्ज की गई और जांच शुरू हुई। इस मामले में बीएनएस की धारा 318(4)/319(2)/61(2) दर्ज है। डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि जांच जारी है।

Point of View

NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या शाहरुख अकेला ठगी कर रहा था?
शाहरुख ने बताया कि वह अकेला काम करता था, लेकिन पुलिस नसीम नाम के एक अन्य व्यक्ति की तलाश कर रही है, जो उसे वेबलिंक के जरिए मिला।
पुलिस ने कितनी राशि की ठगी का खुलासा किया?
शिकायतकर्ता ने यूपीआई क्यूआर कोड के जरिए 33,000 रुपये का भुगतान किया था, जो ठगी का हिस्सा था।
क्या साइबर पुलिस ने कोई विशेष टीम बनाई थी?
हां, साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में एक विशेष टीम गठित की गई थी।