क्या दिल्ली में एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स पर सख्ती जरूरी है?

सारांश
Key Takeaways
- एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स को हटाना अनिवार्य है।
- सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रही है।
- पेट्रोल पंपों पर निगरानी की जाएगी।
- यह अभियान जनता की जागरूकता बढ़ाने के लिए है।
- दिल्ली की हवा को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स यानी निर्धारित अवधि पूरी कर चुके पुरानी कारों पर कठोर कार्रवाई का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के वाहनों को अब दिल्ली की सड़कों से हटाना अनिवार्य है।
सीएम गुप्ता ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों जैसे सीएएमपी और एमसीडी की सलाह पर दिल्ली में पुराने एवं प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर तत्काल प्रतिबंध लगाना आवश्यक हो गया है।”
सीएम ने स्पष्ट किया कि जिन वाहनों की निर्धारित उम्र समाप्त हो गई है, उन्हें पेट्रोल पंपों से ईंधन देने पर रोक लगाने के लिए प्रशासन एक सख्त निगरानी तंत्र विकसित कर रहा है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाएगी और यदि कोई एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल ईंधन भरवाने की कोशिश करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यह प्रतिबंध केवल कागज़ों तक सीमित न रहे, बल्कि इसे जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।” उन्होंने कहा, “यह अभियान जनता में भी अनुभव होना चाहिए ताकि वे समझें कि दिल्ली की हवा को बचाने के लिए अब कठोर निर्णय लेना आवश्यक हो गया है।”
सीएम रेखा गुप्ता ने फिर से कहा कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी निष्ठा से पालन कर रही है और राजधानी की हवा को साफ करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से भी सहयोग की अपील की।
ज्ञातव्य है कि दिल्ली में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को “एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स” की श्रेणी में रखा गया है, जिनका पंजीकरण स्वत: रद्द माना जाता है और उनका सड़क पर चलना प्रतिबंधित है।
पेट्रोल पंपों पर ऐसे यंत्र लगाए जा रहे हैं, जो ऐसे वाहनों की पहचान करेंगे, फिर कर्मचारी को सूचित करेंगे, जिससे उन्हें ईंधन नहीं मिल सकेगा।