क्या दिल्ली में स्थित मां शक्ति का चमत्कारी मंदिर केवल किस्मत वालों के लिए है?
सारांश
Key Takeaways
- मंदिर केवल नवरात्रों में खुलता है।
- यहाँ की गुफा जैसी संरचना अद्वितीय है।
- स्थानीय मान्यता के अनुसार, इसे गुलशन कुमार ने बनवाया था।
- सच्ची भक्ति से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती।
- सोशल मीडिया ने इसे और लोकप्रिय बना दिया है।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में देवी मंदिरों की कोई कमी नहीं है, लेकिन लाजपत नगर-१ बी ब्लॉक में स्थित मां दुर्गा का मंदिर सचमुच अद्वितीय है। यहाँ आने वाले भक्तों को ऐसा महसूस होता है कि यह गुप्त रहस्य है, जो केवल विशेष अवसरों पर ही प्रकट होता है। इसी वजह से यहाँ दर्शन करने का अवसर हर किसी को नहीं मिलता।
यहाँ के दर्शन केवल किस्मत वाले लोग ही कर पाते हैं, क्योंकि यह मंदिर साल में केवल दो बार, नवरात्रों के दौरान ही खुलता है। बाकी समय इसके दरवाजे बंद रहते हैं और यह साधारण गली में छिपा हुआ नजर आता है।
नवरात्रों में सुबह ६ बजे से दोपहर १२ बजे और शाम ४ बजे से रात ९ बजे तक ही भक्तों के लिए दर्शन का समय होता है। यही वह समय होता है जब मंदिर परिसर भक्तों की भक्ति और जयकारों से गूंज उठता है। दीपों की रोशनी, भजन और आरती का माहौल इतना मनमोहक होता है कि हर आने वाला अपने मन को शांत और हल्का अनुभव करता है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण गुलशन कुमार ने कराया था। तब से यह मंदिर लोगों के बीच और अधिक प्रसिद्ध हो गया। मंदिर की एक विशेषता इसकी गुफा जैसी संरचना है। अंदर प्रवेश करते ही ऐसा लगता है कि आप किसी पहाड़ी गुफा में पहुँच गए हैं। नीचे कुछ जगहों पर पानी भी भरा रहता है, जो इसे और भी रहस्यमय बना देता है।
मंदिर की डिज़ाइन सात पहाड़ों जैसी है और अंदर माता काली की मूर्ति स्थापित है, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक महसूस होता है।
नवरात्रों के दौरान यहाँ भक्तों की विशाल भीड़ उमड़ती है। लोग दूर-दूर से इस गुफा वाले मंदिर के दर्शन करने आते हैं। हर कोई मानता है कि मां की कृपा से सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। पहले यह मंदिर इतना प्रसिद्ध नहीं था, केवल स्थानीय लोग ही इसके बारे में जानते थे। लेकिन जैसे-जैसे सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों का दौर आया, यह मंदिर अब और भी लोकप्रिय हो गया है।