क्या दिल्ली के जहांगीरपुरी में पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ हुई?

सारांश
Key Takeaways
- जहांगीरपुरी में मुठभेड़ ने पुलिस की तत्परता को दर्शाया।
- नितिन जैसे वांछित अपराधियों पर शिकंजा कसने की आवश्यकता है।
- पुलिस ने देसी कट्टा बरामद किया, जो अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस की मेहनत और प्रयास आवश्यक हैं।
- कानून व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले के जहांगीरपुरी थाना क्षेत्र में शाह आलम रोड पर बुधवार रात को दिल्ली पुलिस की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) और एक वांछित अपराधी के बीच मुठभेड़ हुई।
इस घटना में 307 (हत्या का प्रयास) के मामले में वांछित अपराधी नितिन के पैर में गोली लगी, जिसे तात्कालिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि एटीएस की टीम, जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर जितेंद्र तिवारी और सब-इंस्पेक्टर रवि कर रहे थे, को सूचना मिली कि कई आपराधिक मामलों में वांछित नितिन शाह आलम रोड पर है। जब पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने का कहा, तो उसने भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चला दी। इस दौरान कांस्टेबल डोली की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी, लेकिन वह सुरक्षित रही। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें नितिन के पैर में चोट लगी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
पुलिस ने घटनास्थल से एक देसी कट्टा (पिस्तौल) और एक मोटरसाइकिल बरामद की।
पुलिस का कहना है कि नितिन लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में संलग्न था और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (उत्तर-पश्चिम) ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और नितिन के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। दिल्ली में अपराधियों पर नियंत्रण पाने के लिए यह कार्रवाई की गई है, ताकि लोगों का कानून व्यवस्था पर विश्वास बना रहे। दिल्ली में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
पुलिस ने यह भी बताया कि इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है ताकि यह पता चल सके कि इस मामले के तार कहां-कहां जुड़े हैं।