क्या दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन हट गया है? मनजिंदर सिंह सिरसा ने ईओएल नियमों में कमियां बताईं

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन हटा लिया गया है।
- मनजिंदर सिंह सिरसा ने ईओएल नियमों की कमियां बताई हैं।
- पुरानी गाड़ियों को उम्र के बजाय पॉल्यूशन स्तर के आधार पर बंद किया जाएगा।
- सीएक्यूएम को पत्र लिखकर रोक लगाने की मांग की गई है।
- एएनपीआर प्रणाली में कई तकनीकी खामियां हैं।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर लगा बैन अब हटा लिया गया है। इस संबंध में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखा और एक जुलाई से लागू हुए एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों के नियमों की कमियों को उजागर किया। उन्होंने पुरानी गाड़ियों को फ्यूल न देने के निर्देश पर रोक लगाने की मांग की।
दिल्ली में 'एंड ऑफ व्हीकल' नियमों के तहत पुरानी गाड़ियों की जब्ती पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस नियम को अभी लागू नहीं किया जाएगा। गाड़ियों को उनकी उम्र के आधार पर नहीं, बल्कि पॉल्यूशन स्तर के अनुसार बंद किया जाएगा। इस दिशा में सरकार प्रयासरत है।
उन्होंने सीएक्यूएम को पत्र लिखकर डायरेक्शन नंबर 89 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की अपील की है, जिसके तहत दिल्ली में ईओएल वाहनों को फ्यूल देने पर प्रतिबंध है।
सिरसा ने पत्र में लिखा है कि वे सीएक्यूएम से अनुरोध करते हैं कि डायरेक्शन नंबर 89 के क्रियान्वयन पर तुरंत रोक लगाई जाए, जब तक ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) प्रणाली पूरे एनसीआर में एकीकृत नहीं हो जाती। उनका मानना है कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
सिरसा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सीएक्यूएम को पत्र लिखकर उन्होंने ईओएल वाहनों को ईंधन न देने के निर्देश पर रोक लगाने की अपील की है।
उन्होंने बताया कि जो एएनपीआर कैमरे लगाए गए हैं, वे पूर्ण रूप से प्रभावी नहीं हैं और उनमें कई खामियां हैं। तकनीकी गड़बड़ियों, सेंसर की कमी और स्पीकर की खराबी जैसी समस्याएं हैं। यह प्रणाली एनसीआर डेटा के साथ एकीकृत नहीं की गई है और हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) की पहचान करने में असमर्थ है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में अभी तक ऐसा कानून लागू नहीं हुआ है।