दिल्ली में 'द बंगाल फाइल्स' की स्पेशल स्क्रीनिंग क्यों हुई, रेखा गुप्ता समेत कई नेता मौजूद?

सारांश
Key Takeaways
- फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' ने ऐतिहासिक मुद्दों को उजागर किया।
- स्क्रीनिंग में प्रमुख नेताओं की उपस्थिति रही।
- नेताओं ने फिल्म की सच्चाई की सराहना की।
- पश्चिम बंगाल में प्रतिबंध को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ।
- यह फिल्म सामाजिक मुद्दों पर चर्चा को प्रेरित करती है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' की विशेष स्क्रीनिंग शुक्रवार को दिल्ली के फिल्म प्रभात डिवीजन ऑडिटोरियम में आयोजित की गई। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा, भाजपा नेता सतीश उपाध्याय और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पत्नी मल्लिका नड्डा ने फिल्म का आनंद लिया।
फिल्म ने बंगाल के ऐतिहासिक और समकालीन मुद्दों को उजागर करते हुए दर्शकों का ध्यान खींचा। मल्लिका नड्डा ने फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा, "यह चिंता की बात है कि आज भी बंगाल में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।"
उन्होंने फिल्म के माध्यम से इतिहास की कड़वी सच्चाई को उजागर करने के लिए निर्देशक की सराहना की।
दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "यह फिल्म बंटवारे और तुष्टिकरण की राजनीति की सच्चाई को दर्शाती है। सिनेमा का दायित्व है सच को सामने लाना और विवेक अग्निहोत्री ने इसे बखूबी निभाया। मैं सभी जागरूक नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि वे यह फिल्म जरूर देखें।"
पश्चिम बंगाल में फिल्म के विरोध पर उन्होंने कहा, "जिनके पास कुछ छिपाने को है, वही अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ हैं। सभी बंगालियों को यह फिल्म देखनी चाहिए, क्योंकि यह कड़वी सच्चाइयों को उजागर करती है।"
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल में फिल्म पर प्रतिबंध को लेकर कहा, "यह प्रतिबंध हमारी फिल्म के विषय को सही साबित करता है। फिल्म में एक संवाद है कि बंगाल दो संविधानों से चलता है- एक भारत का और दूसरा कुछ खास लोगों का। यह प्रतिबंध उसी की पुष्टि करता है।"
उन्होंने इसे असंवैधानिक और कलाकारों के लिए दुखद बताया।
फिल्म की अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने प्रतिबंध पर नाराजगी जताते हुए कहा, "किसी भी कलाकार पर प्रतिबंध लगाना गलत है। यह लोकतंत्र है और सब कुछ लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुसार होना चाहिए, न कि सरकार की मर्जी से।"
भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने कहा, "यह फिल्म भारत के विभाजन के दौरान की घटनाओं और तुष्टिकरण की नीतियों को दर्शाती है। हमें भूतकाल से सीख लेनी चाहिए कि कैसे हमारे लोगों पर अत्याचार हुए और तत्कालीन सरकारों ने कुछ नहीं किया।"
'द बंगाल फाइल्स' ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा। यह फिल्म न सिर्फ ऐतिहासिक घटनाओं को उजागर करती है, बल्कि समकालीन राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर भी सवाल उठाती है।