क्या मणिपुर के एनसीसी कैडेट्स को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद और दुष्प्रचार से मुकाबला करने का प्रशिक्षण मिला?

सारांश
Key Takeaways
- कैडेट्स को आतंकवाद विरोधी अभियान की जानकारी दी गई।
- दुष्प्रचार से निपटने के तरीकों पर चर्चा की गई।
- राष्ट्रीय सुरक्षा में युवाओं की भूमिका को मजबूत किया गया।
- सोशल मीडिया पर फैलने वाली झूठी सूचनाओं का खंडन करने की जिम्मेदारी बताई गई।
- 200 से अधिक कैडेट्स ने भाग लिया।
इंफाल, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर की राजधानी इंफाल में डीएम कॉलेज परिसर में स्थित एनसीसी ग्रुप मुख्यालय में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन 9 सेक्टर असम राइफल्स द्वारा किया गया, जिसमें कर्नल (ऑपरेशन) अमित शर्मा ने एनसीसी कैडेट्स को संबोधित किया।
इस सत्र का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और दुष्प्रचार के प्रति जागरूक करना और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी भूमिका को मजबूत बनाना था।
कर्नल शर्मा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विस्तार से बताया, जो पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त आतंकवादी समूहों को निष्क्रिय करने के लिए एक सटीक सैन्य अभियान था। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में आतंकवादी शिविरों को लक्षित किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई नागरिक हताहत न हो।
शर्मा ने कहा, "यह ऑपरेशन भारत में शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण रहा।" उन्होंने कैडेट्स से आग्रह किया कि वे ऐसे सुरक्षा अभियानों के प्रति सतर्क रहें और राष्ट्र रक्षा में सामूहिक योगदान देने का प्रयास करें। सत्र में रणनीतिक पहलुओं और संचालन प्रक्रियाओं पर गहन चर्चा की गई।
एनसीसी ग्रुप मुख्यालय इंफाल के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल पटमा कुमार ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक और व्यापक नेटवर्किंग पर हमने एक शानदार प्रस्तुति दी।" उन्होंने कहा कि सत्र में दुष्प्रचार और भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया गया।
कर्नल कुमार ने बताया कि कैडेट्स ने सीखा कि ऐसी सूचनाओं का गंभीरता से आकलन कैसे करना है और उनका प्रभावी ढंग से विरोध कैसे करना है। इस प्रशिक्षण ने कैडेट्स में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी की भावना को और बढ़ाया।
कैडेट्स को यह भी बताया गया कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली झूठी खबरें राष्ट्रीय एकता को कमजोर करती हैं और उनकी जिम्मेदारी है कि वे ऐसी सूचनाओं का खंडन करें। यह सत्र एनसीसी के कैडेट्स को भविष्य के लिए तैयार करने और देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करने में महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में 200 से अधिक कैडेट्स ने हिस्सा लिया।