क्या गिरिराज सिंह ने 'द बंगाल फाइल्स' को नई पीढ़ी के लिए जरूरी बताया?

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क्या गिरिराज सिंह ने 'द बंगाल फाइल्स' को नई पीढ़ी के लिए जरूरी बताया?

सारांश

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 'द बंगाल फाइल्स' फिल्म की सराहना की है, यह फिल्म आजादी के बाद के अनुभवों को नई पीढ़ी के सामने लाती है। क्या आप जानते हैं कि यह फिल्म बंटवारे के सच को किस तरह उजागर करती है? जानें गिरिराज सिंह की इस फिल्म के बारे में क्या राय है।

Key Takeaways

  • बंगाल के बंटवारे का सच उजागर होता है।
  • नई पीढ़ी को ऐतिहासिक तथ्यों से अवगत कराता है।
  • गांधी जी की भूमिका पर विचार करने का अवसर।
  • समाज को बचाने के लिए आवश्यक संदेश।

बेगूसराय, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में 'द बंगाल फाइल्स' फिल्म देखने के पश्चात पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यह फिल्म आजादी के बाद की पीढ़ी के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज है।

उन्होंने बताया कि इस फिल्म में भारत के बंटवारे का सत्य प्रस्तुत किया गया है, जिसे नई पीढ़ी को अवश्य देखना चाहिए।

गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि यह फिल्म न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाती है, बल्कि वर्तमान बंगाल की परिस्थितियों को समझने में भी सहायक है। उन्होंने कहा, "जो लोग आजादी के बाद की पीढ़ी हैं, जिन्होंने बंटवारे का अनुभव नहीं किया, उनके लिए 'द बंगाल फाइल्स' बंटवारे का वास्तविकता दर्शाती है। यह फिल्म सभी को, विशेषकर युवा वर्ग को देखनी चाहिए। इसमें गांधी जी की भूमिका को भी विभिन्न दृष्टिकोण से देखा जा सकता है।"

उन्होंने आगे कहा कि फिल्म देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि बंगाल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों की आवश्यकता फिर से महसूस हो रही है, जो समाज को बचाने के लिए खड़े थे। उन्होंने कहा कि इस फिल्म से कोई भी मुंह नहीं छुपा सकता, क्योंकि यह आधी आजादी के सच को उजागर करती है।

विपक्ष द्वारा 'द बंगाल फाइल्स' पर उठाए गए सवालों के जवाब में गिरिराज सिंह ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, "क्या इतिहास के पन्नों को झूठलाया जा सकता है? क्या सोहराबुद्दीन और पुलिस की घटनाएं इतिहास में दर्ज नहीं हैं? इस फिल्म में एक संदेश भी है कि अगर तुम बांटोगे, तो काटे जाओगे।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

वहीं, मौलवियों द्वारा राजनीतिक फतवे जारी करने के सवाल पर गिरिराज सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "अगर मस्जिदों से मौलवी राजनीतिक फतवे जारी करेंगे तो हम मंदिरों से अपनी हुंकार भरेंगे। हुंकार का मतलब हुंकार होता है।"

उन्होंने कहा कि मैं युवाओं से निवेदन करता हूं कि वे इस फिल्म को देखें और इतिहास के उन पहलुओं को समझें, जो आज भी समाज को प्रभावित करते हैं। यह फिल्म न केवल इतिहास को समझने में सहायक है, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी एक सबक है।

Point of View

जो आजादी के बाद की पीढ़ी के लिए आवश्यक है। इस फिल्म में इतिहास और वर्तमान घटनाओं का एक गहरा संबंध है। यह फिल्म न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करती है बल्कि युवा वर्ग को भी प्रेरित करती है।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'द बंगाल फाइल्स' फिल्म देखनी चाहिए?
हाँ, गिरिराज सिंह के अनुसार यह फिल्म आजादी के बाद की पीढ़ी के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज है।
फिल्म में क्या दर्शाया गया है?
'द बंगाल फाइल्स' में भारत के बंटवारे का सच और वर्तमान बंगाल की परिस्थितियाँ दर्शाई गई हैं।