क्या दिल्ली-एनसीआर में ठंड और प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' स्तर पर पहुँच गया है।
- बढ़ती ठंड और प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।
- डॉक्टरों की सलाह है कि लोग घर के अंदर रहें और सावधानी बरतें।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ठंड के बढ़ते प्रभाव के साथ दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में लोग वायु प्रदूषण से निजात नहीं पा रहे हैं। बुधवार को कुछ सुधार के बाद, गुरुवार की सुबह हवा की गुणवत्ता फिर से ख़राब हो गई।
राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 से 400 के बीच दर्ज किया गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है, जबकि वजीरपुर और बवाना फिर से 'गंभीर' श्रेणी में पहुँच गए हैं। प्रदूषण के साथ-साथ ठंड और घने कोहरे ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में पिछले एक महीने से लगातार हवा के प्रदूषण से लोग परेशान हैं। हालांकि, पिछले दो-तीन दिनों में कुछ राहत मिली थी, जिसके चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बुधवार को जीआरएपी स्टेज 3 की पाबंदियों को हटा लिया था, लेकिन अब हवा की गुणवत्ता फिर से बहुत खराब हो गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शहर में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ा है। वजीरपुर और बवाना सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शामिल हैं, जहां गंभीर स्थिति ने चिंता बढ़ा दी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 6 बजे वजीरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 404 था, जबकि बवाना में 403 दर्ज किया गया। अन्य इलाकों में भी स्थिति ख़राब बताई जा रही है।
विवेक विहार में एक्यूआई 395, जहांगीरपुरी में 392, आनंद विहार में 386, नरेला में 386, बुराड़ी में 368, चांदनी चौक में 368, सोनिया विहार में 355 और आरके पुरम में 354 दर्ज किया गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आते हैं।
बुरे वायु गुणवत्ता के मद्देनजर, चिकित्सकों ने लोगों को घर में रहने, मास्क पहनने और बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही सांस या दिल की बीमारियों से ग्रसित हैं।