क्या भारत और स्विट्जरलैंड के बीच फार्मा सेक्टर में निवेश बढ़ाने पर चर्चा हुई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और स्विट्जरलैंड के बीच फार्मा सेक्टर में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- टीईपीए समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।
- ईएफटीए में कई विकसित यूरोपीय देश शामिल हैं।
- स्विस कंपनियों के लिए भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश के अवसर।
- 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को जानकारी दी कि उन्होंने स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की राज्य सचिव हेलिन बुडलिगर आर्टिएडा के साथ एक बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस बैठक में स्विस फार्मा और बायोटेक कंपनियों के साथ चर्चा की गई।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस बैठक को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हमारी चर्चा आरएंडडी में सहयोग को मजबूत करने और भारत के मजबूत हेल्थकेयर सेक्टर का लाभ उठाते हुए स्विस फार्मा कंपनियों के लिए निवेश के अवसरों को बढ़ाने पर केंद्रित थी।"
उन्होंने बताया कि इस चर्चा में आपसी विकास के लिए प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) के तहत हुई प्रगति भी शामिल रही।
केंद्र के एक बयान के अनुसार, भारत और ईएफटीए ने 10 मार्च 2024 को व्यापार और आर्थिक साझीदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। यह भारत का चार विकसित यूरोपीय देशों के साथ पहला मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है। ईएफटीए आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड का एक अंतर-सरकारी संगठन है। टीईपीए में 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर (यूएसडी) के निवेश और 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगारों के सृजन का प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
ईएफटीए भारतीय निर्यात का 99 प्रतिशत, जो कि टैरिफ लाइन का 92.2 प्रतिशत है, को कवर करता है। जबकि भारत 82.7 प्रतिशत, जो कि ईएफटीए के निर्यात का 95.3 प्रतिशत कवर करता है, जिससे डेयरी, सोया, कोल और कृषि जैसे सेक्टर्स का संरक्षण होगा।
इससे पहले इस वर्ष 9-10 जून को केंद्रीय मंत्री गोयल ने स्विट्जरलैंड की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की। इस यात्रा के दौरान भारत-स्विट्जरलैंड आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने और इस वर्ष की शुरुआत में भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच हस्ताक्षरित व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) को क्रियान्वित करने पर ध्यान दिया गया था।
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री गोयल ने बायोटेक और फार्मा, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग, डिफेंस और उभरती टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े स्विस उद्योग के लीडर्स के साथ विस्तृत चर्चा की थी।