क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने हालात को गंभीर बना दिया है?

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क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने हालात को गंभीर बना दिया है?

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी में है। जानिए इसके कारण और इससे होने वाले स्वास्थ्य प्रभाव।

Key Takeaways

  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर है।
  • बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
  • सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाए हैं।

नोएडा, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से केवल 7 ऐसे हैं जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खतरे के निशान’ से नीचे है, जबकि अन्य सभी स्थानों पर हवा बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है।

दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है। आर.के.पुरम (335), रोहिणी (352), सोनिया विहार (350), वजीरपुर (377) और विवेक विहार (373) जैसे स्थानों पर एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

वहीं, सिरिफोर्ट (338), शादिपुर (330) और पूसा (333) में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। इसी क्रम में नोएडा की स्थिति भी बेहतर नहीं है। सेक्टर-62 में एक्यूआई 304, सेक्टर-116 में 306, और सेक्टर-125 में 299 दर्ज किया गया है। ये सभी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आते हैं। वहीं गाजियाबाद में स्थिति और भी चिंताजनक है—लोनी में एक्यूआई 344 और वसुंधरा में 358 रहा, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है। प्रदूषण के इस स्तर का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी हवा में लंबे समय तक रहने से सांस संबंधी बीमारियां, अस्थमा, आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, स्मॉग के कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) में भी कमी आई है। राजधानी की सड़कों पर धुंध की परत छाई हुई है जिससे सुबह और शाम के समय वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में हालात में सुधार की संभावना कम है क्योंकि हवा की गति धीमी है और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फंसे हुए हैं। सरकार और पर्यावरण विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें, कार पूल या सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें और निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण उपायों का पालन करें।

Point of View

NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण क्या हैं?
दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहनों का धुआँ, निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल, और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं।
प्रदूषण के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
प्रदूषण से सांस संबंधी समस्याएं, अस्थमा, आंखों में जलन, और सिरदर्द जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
क्या सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कोई कदम उठाए हैं?
हाँ, सरकार ने निजी वाहनों के उपयोग में कमी लाने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।