क्या चीन-रूस प्रधानमंत्रियों की बैठक समिति की 29वीं बैठक ने नई दिशा दी?
सारांश
Key Takeaways
- चीन-रूस संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
- व्यावहारिक सहयोग में सुधार और विस्तार की आवश्यकता।
- एकतरफावाद और व्यापार संरक्षणवाद का विरोध।
- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करने का संकल्प।
- सर्वांगीण रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने के उपाय।
बीजिंग, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी उप प्रधानमंत्री, चीन-रूस प्रधानमंत्रियों की नियमित बैठक समिति के चीनी सह-अध्यक्ष हे लिफेंग और समिति के रूसी सह-अध्यक्ष, रूसी उप प्रधानमंत्री दिमित्री चेर्निशेंको ने संयुक्त रूप से चच्यांग प्रांत के निंगपो शहर में चीन-रूस प्रधानमंत्रियों की नियमित बैठक समिति की 29वीं बैठक की अध्यक्षता की।
हे लिफेंग ने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत से चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई बार मुलाकात की है, विभिन्न क्षेत्रों में चीन-रूस रणनीतिक समन्वय और व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने पर नई और महत्वपूर्ण आम सहमति प्राप्त की है, जिससे चीन-रूस संबंधों को स्थिर रूप से आगे बढ़ने का मार्गदर्शन मिला है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के व्यक्तिगत ध्यान और प्रोत्साहन के तहत, चीन और रूस के बीच व्यावहारिक सहयोग तंत्र में निरंतर सुधार हुआ है, द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक सहयोग में लगातार विकास हुआ है और संबंधित क्षेत्रों में सहयोग में फलदायी परिणाम प्राप्त हुए हैं।
हे लिफेंग ने कहा कि चीन रूस के साथ मिलकर प्रधानमंत्रियों की नियमित बैठक समिति तंत्र की भूमिका का लाभ उठाने, विभिन्न क्षेत्रों में आपसी लाभ वाले सहयोग को गहरा करने, एकतरफावाद और व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करने और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की संयुक्त रूप से रक्षा करने को तैयार है।
चेर्निशेंको ने कहा कि रूस-चीन संबंध अपने सर्वोत्तम ऐतिहासिक स्तर पर हैं और विभिन्न क्षेत्रों में फलदायी व्यावहारिक सहयोग हो रहा है। रूस चीन के साथ मिलकर सहयोग के स्तर को बढ़ाने, सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार करने और सहयोग की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए तैयार है, ताकि एक नए युग में रूस-चीन सर्वांगीण रणनीतिक साझेदारी संबंध को नई गति मिल सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)