क्या दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का साया फिर से बढ़ रहा है? आनंद विहार का एक्यूआई 429 दर्ज

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क्या दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का साया फिर से बढ़ रहा है? आनंद विहार का एक्यूआई 429 दर्ज

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर स्मॉग की चादर ने लोगों को परेशान किया है। विशेष रूप से आनंद विहार में एक्यूआई 429 दर्ज किया गया है। इस स्थिति के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और इससे बचने के उपाय।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर है।
  • आनंद विहार में एक्यूआई 429 दर्ज किया गया है।
  • स्मॉग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
  • पराली जलाने और स्थानीय प्रदूषण स्रोत इस स्थिति को बढ़ा रहे हैं।
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह का पालन करना आवश्यक है।

नोएडा, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को एक बार फिर स्मॉग की घनी चादर छाई रही, जिससे वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई। विशेष रूप से दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 429 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है।

आनंद विहार के अलावा, दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भी हवा की गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है। बवाना, आशोक विहार और करणी सिंह शूटिंग रेंज जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर उच्च बना हुआ है। आया नगर और बुराड़ी क्रॉसिंग पर भी प्रदूषण का स्तर 'बहुत खराब' दर्ज किया गया।

दिल्ली से सटा नोएडा भी इस गंभीर वायु प्रदूषण से अछूता नहीं है। नोएडा में एक्यूआई 319, सेक्टर-1 में 305 और सेक्टर-125 में 303 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आते हैं। नोएडा सेक्टर-62 में स्थिति थोड़ी बेहतर है; यहां का एक्यूआई 281 दर्ज किया गया। हालांकि, इस उच्च प्रदूषण स्तर के बीच गाजियाबाद के निवासियों को कुछ राहत की सांस मिली प्रतीत होती है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजियाबाद में दिन भर स्मॉग छाया रहा, लेकिन वहां के एक्यूआई में दिल्ली और नोएडा के मुकाबले कुछ कमी देखी गई। फिर भी, हवा की गुणवत्ता अभी भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनी हुई है। इस समय दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ने के पीछे मौसम की स्थिति एक प्रमुख कारण है। हवा की गति कम होने और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमा हो रहे हैं।

इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं और स्थानीय प्रदूषण स्रोत जैसे वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य और औद्योगिक उत्सर्जन भी इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। 'गंभीर' और 'बहुत खराब' श्रेणी की वायु स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक मानी जाती है। इससे सांस संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, गले में खराश और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें, मास्क पहनकर ही बाहर निकलें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण केवल एक स्थानीय समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की चिंता है। हमारी सरकारों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि हम अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

स्मॉग क्या है?
स्मॉग एक प्रकार का धुंध है जो प्रदूषकों और धूल के मिश्रण से बनता है। यह वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
एक्यूआई का मतलब क्या है?
एक्यूआई का मतलब वायु गुणवत्ता सूचकांक है, जो हवा की गुणवत्ता का माप प्रदान करता है।
क्या स्मॉग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
जी हां, स्मॉग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, यह सांस की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है।
हमें स्मॉग के समय क्या करना चाहिए?
स्मॉग के समय, हमें घर के अंदर रहना चाहिए और मास्क पहनकर ही बाहर निकलना चाहिए।
क्या पराली जलाने से स्मॉग बढ़ता है?
हां, पराली जलाना एक प्रमुख कारण है जो स्मॉग को बढ़ाता है, विशेषकर सर्दियों के दौरान।