क्या दिल्ली में पॉकेटमारी और साइबर धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- यह मामला पॉकेटमारी और साइबर धोखाधड़ी का है।
- तीन आरोपी अभी भी फरार हैं।
- पुलिस ने उत्तराखंड से जुड़े लेनदेन की जांच की।
- आरोपियों ने फर्जी यूपीआई आईडी का उपयोग किया।
नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने पॉकेटमारी और साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। इस मामले में नजफगढ़ थाना और द्वारका जिले की एक संयुक्त पुलिस टीम ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वर्तमान में तीन आरोपी फरार हैं, जिनकी खोज जारी है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, जांच में यह पाया गया कि एक पीड़ित के बैंक खातों से फर्जी यूपीआई ट्रांजैक्शन किए गए थे, जिसमें उपयोग किया गया मोबाइल नंबर उत्तराखंड से सक्रिय था। टीम ने शिकायतकर्ता के बैंक खाते के विवरणों का विश्लेषण किया और पता चला कि अधिकतर लेनदेन उत्तराखंड में हुए थे। प्रारंभिक जानकारी में श्याम कुमार का नाम सामने आया, जिसने पूछताछ में बताया कि वह यह लेनदेन शशांक नाम के युवक के कहने पर कर रहा था।
पुलिस ने शशांक पुत्र शम्मी आनंद को देहरादून से गिरफ्तार किया, जिसने जानू उर्फ जतिन का नाम लिया। पूछताछ में शशांक ने बताया कि उसने यह लेनदेन अपने दोस्त जानू के कहने पर किया था। जानू उर्फ जतिन को भी हिरासत में लिया गया और पूछताछ में रितेश का नाम सामने आया। जतिन ने बताया कि उसने यह लेनदेन अपने दोस्त रितेश के कहने पर किया था।
इस तरह हर कड़ी को जोड़ते हुए, पुलिस ने बाद में रितेश, कार्तिकेय, अमन और प्रिंस को गिरफ्तार किया। पूछताछ में अमन और प्रिंस ने बताया कि उन्होंने 24 मई को बस नंबर 835 में दिल्ली गेट के पास एक व्यक्ति का मोबाइल चुराया था। उसी मोबाइल में मौजूद आधार कार्ड की कॉपी का इस्तेमाल कर फर्जी यूपीआई आईडी बनाई गई और पीड़ित के खातों से लेनदेन किए गए।
आरोपी घटना के बाद 25 मई से 1 जून तक उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और केदारनाथ में रहे, और फिर दिल्ली लौटे। फिलहाल 6 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।