क्या दिल्ली पुलिस ने नशा तस्करों पर बड़ा एक्शन लिया है? अब पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई!

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क्या दिल्ली पुलिस ने नशा तस्करों पर बड़ा एक्शन लिया है? अब पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई!

सारांश

दिल्ली पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। 'नशा मुक्त भारत' अभियान के तहत पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट का उपयोग किया जा रहा है। यह कानून तस्करों को बिना ट्रायल के एक साल तक जेल में रखने की अनुमति देता है। जानें इस कार्रवाई की विस्तृत जानकारी।

Key Takeaways

  • दिल्ली पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई तेज की है।
  • पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को बिना ट्रायल के जेल में रखा जा सकता है।
  • कुसुम सहित कई तस्करों की संपत्तियां जब्त की गई हैं।
  • पुलिस 35 और तस्करों को हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है।
  • पुलिस का उद्देश्य नशा तस्करी के नेटवर्क को खत्म करना है।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में सक्रिय और कुख्यात नशा तस्करों पर कार्रवाई तेज कर दी है। 'नशा मुक्त भारत' अभियान के तहत पुलिस अब पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत इन तस्करों के खिलाफ कठोर कदम उठा रही है। इस कानून के अनुसार, आरोपी को बिना किसी ट्रायल के एक साल तक जेल में रखा जा सकता है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कुसुम (40) की गिरफ्तारी भी पुलिस के रडार पर है। कुसुम के खिलाफ वित्तीय जांच में 5 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है, जो नशे के कारोबार से अर्जित की गई थी। ये संपत्तियां सुल्तानपुरी (उत्तर-पश्चिम दिल्ली) और रोहिणी के सेक्टर-24 में स्थित हैं।

2021 से इस एक्ट के तहत कार्रवाई का सिलसिला जारी है। यह कानून उन मामलों में लागू होता है, जहां आरोपी बार-बार नशा तस्करी में लिप्त पाया जाता है। सबसे पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की स्क्रीनिंग कमेटी को सबूत प्रस्तुत करने होते हैं। जब भारत सरकार से मंजूरी मिल जाती है, तब आरोपी को जेल में रखा जा सकता है, भले ही कोर्ट में ट्रायल न भी हुआ हो।

एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक चार ड्रग तस्करों के खिलाफ पीआईटी-एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की गई है, जिनमें से तीन पर पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं। पुलिस 35 और नशा तस्करों को इस कानून के तहत हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है। पिछले चार वर्षों में केवल 28 तस्करों को इस एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था, जबकि इस वर्ष यह संख्या दोगुनी होने की संभावना है।

पुलिस का लक्ष्य केवल तस्करों को पकड़ना नहीं है, बल्कि उनके पूरे नेटवर्क को नष्ट करना भी है। एक मामले में, बरेली के एक ड्रग तस्कर को कई बार हेरोइन के साथ पकड़ा गया। बाद में पुलिस ने उसे चेन्नई की जेल में भेज दिया ताकि वह अपने साथियों से संपर्क न कर सके और उसका नेटवर्क टूट सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सभी जिलों की पुलिस ऐसे नशा तस्करों की सूची बना रही है, जिनके खिलाफ दो या उससे अधिक मामले दर्ज हैं।

Point of View

यह कदम न सिर्फ नशा तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज में नशे के प्रभाव को कम करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली पुलिस का यह प्रयास न केवल तस्करों को पकड़ने का है बल्कि उनके नेटवर्क को भी समाप्त करने का है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट क्या है?
पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट एक कानून है जो नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देता है, जिसमें आरोपी को बिना ट्रायल के एक साल तक जेल में रखा जा सकता है।
दिल्ली पुलिस ने कितने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की है?
इस वर्ष अब तक दिल्ली पुलिस ने चार ड्रग तस्करों के खिलाफ पीआईटी-एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की है।