क्या दिल्ली में प्रदूषण का समाधान निकाल पाएंगी सीएम रेखा गुप्ता?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में प्रदूषण से लड़ने के लिए सीएम रेखा गुप्ता की सरकार सक्रिय है।
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म उपाय किए जा रहे हैं।
- एमसीडी को अतिरिक्त फंड और संसाधन दिए जा रहे हैं।
- ओपन बर्निंग पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू है।
- प्रदूषण की समस्या का समाधान दिल्ली में ही निकाला जाएगा।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को नागरिकों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी से प्रयास कर रही है। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आलोचना की, जो हर छह महीने में लोगों को उनके हाल पर छोड़कर विपश्यना के लिए दूसरे शहरों में चले जाते थे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "हम यहाँ दिल्ली में रहकर प्रदूषण की समस्या का समाधान निकाल रहे हैं। हम उनके जैसे नहीं हैं कि दिल्ली को उसके हाल पर छोड़कर हर 6 महीने विपश्यना करने भाग जाएं।"
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम ने लिखा, "दिल्ली में प्रदूषण की समस्या का हम दिल्ली में रहकर समाधान निकाल रहे हैं। समस्या भी यहीं है, समाधान भी यहीं निकलेगा… दिल्ली के लिए, दिल्ली में रहकर। प्रदूषण नियंत्रण के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के उपाय किए जा रहे हैं।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी और लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
सीएम ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, "दिल्ली सरकार ने सुनिश्चित किया है कि प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी, लेकिन काम में लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। एमसीडी को 70 एमआरएस मशीनें दी गई हैं। साथ ही विधानसभाओं में 1 हजार लीटर पिकर और हर वार्ड में सुपर सकर लगाए जा रहे हैं। इन सभी के लिए पूरा फंड दिया गया है। सफाई व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एमसीडी को ₹500 करोड़ अतिरिक्त दिए गए हैं और ₹300 करोड़ की एक्स्ट्रा ग्रांट स्थायी रूप से जोड़ी गई है।"
उन्होंने आगे कहा कि 50 शटल पार्किंग विकसित की जाएंगी। फंड दिल्ली सरकार देगी, ताकि रोड-साइड पार्किंग कम हो, ट्रैफिक सुधरे और प्रदूषण घटे। 311 ऐप को पूरी तरह जवाबदेह बनाया जा रहा है। ड्रेन और सड़कों के सुधार पर व्यवस्थित काम चल रहा है।
सीएम ने आगे कहा कि दिल्ली में ओपन बर्निंग पर जीरो टॉलरेंस की नीति है। ऐसा करने पर 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार शहर में बायोगैस प्लांट शुरू किया गया है, जिससे रोज 1500 मीट्रिक टन गोबर का प्रबंधन होगा।