क्या भारत का विकास असुरक्षा, शोषण और अनिश्चितता पर आधारित हो सकता है? : राघव चड्ढा
सारांश
Key Takeaways
- गिग वर्कर्स की समस्याएं गंभीर हैं।
- राघव चड्ढा ने उनकी मांगों का समर्थन किया।
- भारत का विकास न्याय और सुरक्षा पर आधारित होना चाहिए।
- सरकार को गिग वर्कर्स की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
- गिग अर्थव्यवस्था में काम करने वाले युवा देश के विकास का हिस्सा हैं।
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने नए साल की पूर्व संध्या पर दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर क्षेत्र में गिग वर्कर्स (डिलीवरी पार्टनर्स) के साथ समय बिताया। ये वर्कर्स ब्लिंकिट, जेप्टो, स्विगी और जोमैटो जैसे फ़ूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स पर कार्यरत हैं और अपनी मांगों के लिए एक प्रतीकात्मक हड़ताल कर रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान वर्कर्स ने अपनी मुख्य समस्याओं पर रोशनी डाली। इनमें कम और अनिश्चित आय, लंबे काम के घंटे (कई बार 12-14 घंटे), कोई सोशल सिक्योरिटी (पीएफ, ईएसआई, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन) नहीं, काम पर सम्मान की कमी और प्लेटफॉर्म द्वारा एकतरफा नियमों में बदलाव शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के कारण उनकी आय में गिरावट आ रही है।
राघव चड्ढा ने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण और उचित करार देते हुए कहा, "ये वर्कर्स भारत के शहरी कार्यबल का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये लोग दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें न तो न्यूनतम मजदूरी मिलती है, न ही कोई सुरक्षा कवच। उनका प्रदर्शन सिर्फ अपनी आवाज को उठाने का प्रयास है, और इसमें कोई हिंसा या रुकावट नहीं थी।"
उन्होंने वर्कर्स के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा, "उनकी मांगें, उचित वेतन, बेहतर कार्य स्थितियां, काम पर सम्मान और सामाजिक सुरक्षा, पूरी तरह से न्यायसंगत हैं। सरकार और प्लेटफॉर्म कंपनियों को इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।"
चड्ढा ने ब्लिंकिट, जेप्टो, स्विगी और जोमैटो जैसे प्लेटफार्मों के प्रबंधन से अपील की कि वे वर्कर्स के साथ सार्थक संवाद करें और निष्पक्ष, मानवीय समाधान पर पहुँचें।
उन्होंने जोर देकर कहा, "भारत का विकास असुरक्षा, शोषण और अनिश्चितता पर आधारित नहीं हो सकता। यह न्याय, सम्मान और सुरक्षा पर टिका होना चाहिए। गिग अर्थव्यवस्था में कार्यरत लाखों युवा देश की प्रगति का हिस्सा हैं। उन्हें शोषण का शिकार नहीं बनाया जा सकता।"