क्या दिल्ली विस्फोट के दोषियों को बख्शा जाएगा? रक्षा मंत्री का सख्त बयान
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली विस्फोट पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन।
- रक्षा मंत्री ने तकनीकी विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।
- जांच के निष्कर्ष जल्द ही सार्वजनिक होंगे।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में हुए विस्फोट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को स्पष्ट रूप से कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसियां इस घटना की गंभीर और त्वरित जांच कर रही हैं, और उनके निष्कर्ष जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे। उन्होंने देशवासियों को आश्वासन दिया कि इस दुखद घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उन्हें किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा।
रक्षा मंत्री मंगलवार को मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस द्वारा आयोजित दिल्ली डिफेंस डायलॉग में बोल रहे थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को उपभोक्ता से आगे बढ़कर तकनीकी निर्माता देश बनने के लिए न केवल नई तकनीकों को अपनाना होगा, बल्कि ऐसे सिस्टम और इकोसिस्टम बनाने होंगे जो नई तकनीक के निर्माण और उसके अपनाने को सुविधाजनक बनाएं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को तकनीक का सृजनकर्ता बनने के लिए सैनिकों, वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स और रणनीतिकारों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी नींव मजबूत, संस्थान चुस्त, दिमाग खुले और सहयोग सहज होगा, तो हर तकनीकी लहर हमें आगे बढ़ाएगी।
उन्होंने डिजिटल संप्रभुता पर जोर देते हुए कहा कि सच्ची रणनीतिक स्वायत्तता तभी आएगी जब हमारा कोड उतना ही स्वदेशी होगा जितना हमारा हार्डवेयर। उन्होंने बताया कि भारत स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक, विश्वसनीय सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन और भारतीय डेटा पर प्रशिक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल विकसित कर रहा है।
सिंह ने कहा कि तकनीक का उद्देश्य मानव निर्णय को प्रतिस्थापित करना नहीं, बल्कि उसे सशक्त बनाना है। उन्होंने नई तकनीकों के नैतिक, मनोवैज्ञानिक और कानूनी पहलुओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता जताई। रक्षा मंत्री ने बताया कि अब रक्षा खरीद में केवल तत्काल कीमत नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रखरखाव और परिचालन लागत को भी आरंभिक चरण से ही आंका जाएगा।
रक्षा मंत्री का कहना है कि उन्नत देशों की तरह हमें भी हर खरीद के प्रारंभिक चरण में ही उसके संपूर्ण जीवन चक्र की लागत का आकलन करना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीक न केवल शक्ति गुणक है, बल्कि संसाधन उपयोग को अधिक कुशल बनाने का माध्यम भी है।
रक्षा मंत्री ने यहां तीनों सेनाओं से आग्रह किया कि वे केवल उपकरणों की तकनीक नहीं, बल्कि प्रशिक्षण, लॉजिस्टिक्स और प्रबंधन प्रणालियों में भी सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रथाओं को अपनाएं। दिल्ली हादसे पर संवेदना जताते हुए कार्यक्रम की शुरुआत में रक्षा मंत्री ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, विभिन्न देशों के राजदूत तथा सैन्य और नागरिक अधिकारी उपस्थित रहे।