क्या देवघर में विश्व प्रसिद्ध 'राजकीय श्रावणी मेला' शुरू हो गया है?

सारांश
Key Takeaways
- बाबाधाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला शुरू हुआ।
- सुल्तानगंज से बाबाधाम तक यात्रा 108 किलोमीटर है।
- सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु व्यापक इंतजाम किए हैं।
- डिजिटल सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है।
- मेले में 50-60 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
देवघर, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के देवघर में स्थित बाबाधाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला आज से आरंभ हो गया। झारखंड-बिहार की सीमा पर स्थित दुम्मा नामक स्थान पर आयोजित समारोह में झारखंड सरकार के तीन मंत्रियों, सुदिव्य कुमार सोनू, दीपिका पांडेय सिंह और संजय प्रसाद यादव, ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इस मेले का उद्घाटन किया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाबाधाम भगवान शंकर के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक कामना महादेव का स्थान है। सावन के महीने में बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर प्रतिदिन लाखों कांवड़िए जलार्पण के लिए बाबाधाम पहुंचते हैं।
यह सुल्तानगंज से बाबाधाम तक 108 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में एशिया का सबसे लंबा धार्मिक मेला माना जाता है। गुरुवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हजारों कांवड़ियों ने सुल्तानगंज में गंगा से जल लिया और देवघर तक की 108 किलोमीटर लंबी यात्रा के लिए निकले। पूरा क्षेत्र बोलबम के जयकारों से गूंज उठा है।
राज्य सरकार का अनुमान है कि इस वर्ष मेले में देश-विदेश से 50 से 60 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे। उनकी सुविधा, सुरक्षा और सुरक्षित जलार्पण के लिए राज्य सरकार ने हर स्तर पर व्यापक इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने और विश्राम के लिए देवघर-सुल्तानगंज मार्ग में कोठिया और बाघमारा में सुविधाओं से युक्त विशाल टेंट सिटी का निर्माण किया गया है, जहां एक साथ हजारों श्रद्धालु विश्राम कर सकते हैं।
मेले के क्षेत्र में कई स्थानों पर स्नानगृह, शौचालय, चिकित्सा शिविर और सूचना केंद्र बनाए गए हैं। मेले को डिजिटल रूप दिया गया है। लोग अपने मोबाइल पर क्यूआर कोड के जरिए सेवाओं के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। क्यूआर कोड के माध्यम से लोग चैटबॉट से भी जुड़ सकते हैं।
उपायुक्त नमन प्रियेश ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन की व्यवस्था पूरे सावन महीने में बंद कर दी गई है। मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्पर्श पूजा की अनुमति नहीं होगी। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए अरघा के माध्यम से जलार्पण की व्यवस्था की गई है।
मेले में बस से आने वाले यात्रियों के लिए शटल सेवा शुरू की गई है। मेला क्षेत्र में होल्डिंग पॉइंट, आवास, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा, और स्वच्छता की व्यवस्था पर ध्यान रखा जा रहा है। मेला क्षेत्र में नियुक्त अधिकारियों, दंडाधिकारियों, और पुलिस पदाधिकारियों को सेवा भाव और विनम्रता से सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है।
बाबाधाम के तीर्थ पुरोहित प्रभाकर शांडिल्य ने बताया कि सावन मास में बाबा की स्पर्श पूजा स्थगित रहेगी। सावन माह में श्रद्धालुओं का बड़ा हुजूम आता है, इसको लेकर यह निर्णय लिया गया है। सावन में भगवा वस्त्र में कांवड़ लिए देश-विदेश के हजारों शिवभक्त जलार्पण करने पहुंचेंगे। सावन महीना देवाधिदेव महादेव को प्रिय है। सावन में भगवान शिव की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिव कल्याण के स्वरूप हैं। उनकी पूजा से मनुष्य का मानव शरीर सार्थक हो जाता है।