क्या धनबाद के कोयला व्यापारी कैलाश अग्रवाल के ठिकानों पर जीएसटी विभाग ने छापा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी विभाग की छापेमारी से व्यापारियों में चिंता बढ़ी है।
- कैलाश अग्रवाल के ठिकानों पर दस्तावेजों की गहन जांच की गई।
- छापेमारी का उद्देश्य जीएसटी चोरी की रोकथाम है।
- पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया।
- लोकल व्यापारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण संकेत है।
धनबाद, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के धनबाद में आज सुबह प्रसिद्ध कोयला व्यापारी कैलाश अग्रवाल के निवास पर जीएसटी विभाग ने छापेमारी की। यह छापेमारी जीएसटी चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के संदर्भ में की गई है।
विभाग की टीम सबसे पहले धनबाद के धैया क्षेत्र में स्थित जगदंबा आवास पहुंची, जहां कैलाश अग्रवाल का निवास है। अधिकारियों ने उनके कार्यालय और आवास से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की। इस दौरान कई वित्तीय और व्यावसायिक रिकॉर्ड जब्त किए गए।
इसके अलावा, बरवाअड्डा और गोविंदपुर स्थित हार्ड कोक भट्ठों पर भी छापेमारी की गई, जहां टीम ने स्टॉक रजिस्टर, बिल बुक और लेन-देन के दस्तावेजों का निरीक्षण किया।
यह पूरी कार्रवाई जीएसटी चोरी और फर्जी बिलिंग से जुड़े मामलों के संदर्भ में की गई थी। विभाग को संदेह है कि कोयला व्यापार और रियल एस्टेट से जुड़े कुछ सौदों में टैक्स की बड़ी गड़बड़ी की गई है। जांच अधिकारी सभी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं ताकि टैक्स चोरी की सटीक राशि और उसके स्रोतों का पता लगाया जा सके।
छापेमारी के दौरान मौके पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। धनबाद के कई वरिष्ठ अधिकारी भी समय-समय पर मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की निगरानी कर रहे थे।
हालांकि अभी तक जीएसटी विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी बड़े पैमाने पर की जा रही है और इससे जुड़े कई अन्य ठिकानों पर भी दस्तावेजों की जांच की संभावना है।
गौरतलब है कि धनबाद में इससे पहले भी कई बड़े व्यापारियों पर कर चोरी और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कार्रवाई की जा चुकी है। ऐसे में इस छापेमारी ने एक बार फिर स्थानीय व्यापारिक जगत में हलचल मचा दी है।