क्या कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल हत्या मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया?

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क्या कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल हत्या मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया?

सारांश

कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल में हुई हत्याओं की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। इस टीम में चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं और इसकी अध्यक्षता प्रणब मोहंती करेंगे। इस घटनाक्रम से राज्य में विवाद उत्पन्न हो सकता है। जानें इस मामले के सभी महत्वपूर्ण पहलू।

Key Takeaways

  • कर्नाटक सरकार ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया है।
  • धर्मस्थल में हत्याओं की गंभीरता को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
  • एसआईटी का नेतृत्व प्रणब मोहंती करेंगे।
  • राज्य महिला आयोग की सिफारिश पर जांच शुरू की गई है।
  • इस मामले में न्याय की मांग उठ रही है।

बेंगलुरु, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार ने धर्मस्थल में कथित हत्याओं की जांच के लिए चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है।

एसआईटी के गठन की मांग सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा और कई कार्यकर्ताओं ने की थी।

धर्मस्थल कर्नाटक का एक प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल है, इसलिए इस घटनाक्रम से विवाद खड़ा होने की संभावना है।

कर्नाटक सरकार ने रविवार को यह आदेश जारी किया। राज्यपाल थावरचंद गहलोत के निर्देश पर अवर सचिव एस. अंबिका ने यह आदेश जारी किया।

एसआईटी का नेतृत्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रणब मोहंती, आंतरिक सुरक्षा विभाग के डीजीपी, डीआईजी (भर्ती) एम.एन. अनुचेत, डीसीपी (सिटी आर्म्ड रिजर्व) सौम्यलता और आंतरिक सुरक्षा विभाग के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार करेंगे।

आदेश के अनुसार, "राज्य महिला आयोग ने अपने पत्र में धर्मस्थल क्षेत्र में सैकड़ों शवों को कथित तौर पर दफनाए जाने की घटना पर प्रकाश डाला है। एक व्यक्ति ने आगे आकर अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है। आयोग ने खोपड़ी मिलने और एक लापता मेडिकल छात्रा के परिवार के बयान से संबंधित मीडिया रिपोर्टों को भी गंभीरता से लिया है।"

आदेश में आगे कहा गया है, "अज्ञात व्यक्ति का बयान पिछले 20 वर्षों में कई महिलाओं और छात्राओं से जुड़े हत्या, बलात्कार, अप्राकृतिक मौतों और गुमशुदगी जैसे जघन्य अपराधों का उल्लेख करता है। इसे देखते हुए, महिलाओं और छात्राओं के लापता होने, हत्याओं और बलात्कार के मामलों की निष्पक्ष जांच और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की गई है।"

सरकार ने कहा कि राज्य महिला आयोग के अनुरोध और धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में बीएनएस अधिनियम की धारा 211(ए) के तहत दर्ज मामले के मद्देनजर एसआईटी का गठन उचित है। एसआईटी राज्य भर के अन्य पुलिस थानों में दर्ज किसी भी संबंधित आपराधिक मामले की भी जांच करेगी।

डीजीपी और आईजीपी को एसआईटी के लिए आवश्यक स्टाफ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। एसआईटी को निर्देश दिया गया है कि वे डीजीपी और आईजीपी को जांच की प्रगति से नियमित रूप से अवगत कराते रहें। आदेश में कहा गया है कि जांच से जुड़े सभी मामलों की अंतिम रिपोर्ट डीजीपी और आईजीपी के माध्यम से सरकार को जल्द से जल्द सौंपी जानी चाहिए।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी सरकार कथित धर्मस्थल हत्याकांड से निपटने के संबंध में किसी भी दबाव में नहीं आएगी।

11 जुलाई को अज्ञात शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसे धर्मस्थल गांव में बलात्कार और हत्या की शिकार कई महिलाओं के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। वह पिछले शुक्रवार को कर्नाटक के मंगलुरु जिले की एक अदालत में पेश हुआ और अपना बयान दर्ज कराया।

उस व्यक्ति ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 183 के तहत प्रधान सिविल न्यायाधीश और प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट संदेश के. के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।

उसके बयान के अनुसार, वह 11 साल पहले धर्मस्थल से भाग गया था। उसने आरोप लगाया कि महिलाओं के शवों पर यौन उत्पीड़न के स्पष्ट निशान थे। वे बिना कपड़ों या अंतर्वस्त्रों के मिलीं और उन पर चोटों के निशान थे जो हिंसक कृत्यों का संकेत देते हैं। इस खुलासे ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी. गोपाल गौड़ा और कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जाए।

Point of View

बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि न्याय की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी आरोपों को गंभीरता से ले और उचित कार्रवाई करे।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

धर्मस्थल हत्या मामला क्या है?
धर्मस्थल हत्या मामला एक गंभीर अपराध से संबंधित है, जिसमें कई महिलाओं के शवों को दफनाने का दावा किया गया है।
कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए क्या कदम उठाए हैं?
कर्नाटक सरकार ने चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है।
एसआईटी का नेतृत्व कौन करेगा?
एसआईटी का नेतृत्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रणब मोहंती करेंगे।
क्या इस मामले में कोई जांच प्रक्रिया शुरू की गई है?
हाँ, राज्य महिला आयोग के अनुरोध पर जांच प्रक्रिया शुरू की गई है।
इस मामले में क्या गंभीरता है?
इस मामले में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों की आशंका है, जो समाज में एक बड़ा मुद्दा है।