क्या धीरेंद्र शास्त्री ने राज्य सरकार को तहसील स्तर पर 5,000 गोधाम बनाने का सुझाव दिया?

सारांश
Key Takeaways
- धीरेंद्र शास्त्री ने गोधामों के निर्माण का सुझाव दिया।
- गो माता की सुरक्षा पर जोर दिया गया।
- हिंदू एकता को मजबूत करने की आवश्यकता।
- धार्मिक शिक्षा का महत्व समझाया गया।
- सामाजिक एवं जातिगत भेदभाव पर विचार।
रायपुर, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में चल रही हनुमान कथा के दौरान गो माता की सुरक्षा, हिंदू एकता और धार्मिक शिक्षा पर कई महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए।
मारुति मंगल भवन में उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की एक बड़ी कमजोरी अमीर-गरीब और जातिगत भेदभाव है, जिससे हिंदू भाई-भाई की भावना कमजोर हो रही है।
धीरेंद्र शास्त्री ने छत्तीसगढ़ में गो माता की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु पर चिंता प्रकट करते हुए राज्य सरकार को सलाह दी कि प्रत्येक तहसील में 5,000-5,000 गोधाम स्थापित किए जाएं। उन्होंने कहा, "चार तहसीलों से शुरुआत की जाए, तो 20,000 गोधाम बन जाएंगे, जिससे गो माता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। गोठान नहीं, उनकी स्वतंत्रता जरूरी है।" उन्होंने यह भी बताया कि वहां पर रहने और चारे-पानी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने कथा के दौरान भारी बारिश के बावजूद हजारों भक्तों की उपस्थिति को भक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा, "भक्ति पर कोई वश नहीं कर सकता।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर शुभकामनाएं देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संघ ने विचारधाराओं को सुरक्षित रखा और देश में एक नई क्रांति की शुरुआत की।
धीरेंद्र शास्त्री ने बागेश्वर धाम में बन रहे कैंसर अस्पताल के विषय में कहा कि इसके पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़ में भी ऐसी योजनाओं पर विचार किया जाएगा और सभी का सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने हनुमान कथा से विनम्रता सीखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, "हनुमान जी सामर्थ्यवान और विनम्र हैं। जिस दिन हम यह सीख लें, वे हमारे हृदय में निवास करेंगे।"
उन्होंने हिंदू परिवारों में बच्चों को रामचरितमानस और गीता का पाठ न कराने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा, "हर भारतीय को रोज तीन घंटे का ट्यूशन लेना चाहिए, इससे हमारी संस्कृति और संस्कार सुधरेंगे। राज्य सरकार को इसे प्रोत्साहित करना चाहिए।"
शास्त्री ने भूत-प्रेत पर चर्चा करते हुए 8 देशों की यात्रा में दुष्ट शक्तियों से निपटने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पैरा नॉर्मल सेंटर का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, "भारत में तो हम पढ़ लेंगे, लेकिन विदेशी भूत कैसे भगाएंगे? पीएचडी करेंगे तो बताएंगे। पढ़ाई के साथ कथा जरूरी है।" उन्होंने यह भी कहा, "गुरु की कृपा रही तो रायपुर में दो दिन का दिव्य दरबार लगाएंगे।"