क्या डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष, पीएम मोदी द्वारा सशक्तीकरण के नए युग की शुरुआत का संकेत है?

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क्या डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष, पीएम मोदी द्वारा सशक्तीकरण के नए युग की शुरुआत का संकेत है?

सारांश

पीएम मोदी ने डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष पूरे होने की खुशी में नए युग की शुरुआत का संकेत दिया है। अगले दशक में भारत की डिजिटल क्षमता और सशक्तीकरण को लेकर उनकी दृष्टि जानें। क्या यह भारत को वैश्विक डिजिटल लीडरशिप की ओर ले जाएगा?

Key Takeaways

  • डिजिटल इंडिया ने 10 वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
  • भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि हो रही है।
  • डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया है।
  • आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
  • डिजिटल इंडिया अब एक जन आंदोलन बन चुका है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष पूरे होने के साथ ही अगला दशक और भी अधिक परिवर्तनकारी होगा, क्योंकि देश डिजिटल शासन से ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप की ओर बढ़ेगा। जहां भारत, इंडिया-फर्स्ट से इंडिया-फॉर-द-वर्ल्ड की ओर रुख करेगा।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष मना रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "दस वर्ष पहले, डिजिटल इंडिया की शुरुआत हमारे देश को डिजिटल रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत समाज में बदलने की पहल के रूप में हुई थी।"

पीएम मोदी के अनुसार, डिजिटल इंडिया केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया है, यह लोगों का आंदोलन बन गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा, "यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और भारत को दुनिया के लिए एक विश्वसनीय इनवोवेशन पार्टनर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। सभी इनोवेटर्स, उद्यमियों और सपने देखने वालों के लिए दुनिया अगली डिजिटल सफलता के लिए भारत की ओर देख रही है।"

पीएम मोदी ने कहा कि जहां दशकों तक भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर संदेह किया जाता रहा, वहीं हमने इस दृष्टिकोण को बदल दिया और भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर भरोसा किया।

उन्होंने कहा, "जबकि दशकों तक यह सोचा जाता रहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग संपन्न और वंचितों के बीच की खाई को गहरा करेगा, हमने इस मानसिकता को बदला और संपन्न और वंचितों के बीच की खाई को खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया। जब इरादा सही हो, तो इनोवेशन कम सशक्त लोगों को सशक्त बनाता है। जब दृष्टिकोण समावेशी होता है, तो टेक्नोलॉजी हाशिये पर रहने वालों के जीवन में बदलाव लाती है।"

इस विश्वास ने डिजिटल इंडिया की नींव रखी, जो कि पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने, समावेशी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और सभी के लिए अवसर प्रदान करने का मिशन है।

2014 में भारत में करीब 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जो कि बढ़कर अब 97 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं। 42 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर केबल अब सबसे दूरदराज के गांवों को भी जोड़ती है।

पीएम मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा, "भारत में 5जी की शुरुआत दुनिया में सबसे तेज गति से हुई है। केवल दो वर्ष में 4.81 लाख बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। हाई-स्पीड इंटरनेट अब शहरी केंद्रों और गलवान, सियाचिन और लद्दाख सहित अग्रिम सैन्य चौकियों तक पहुंच गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "डिजिटल आधार इंडिया स्टैक ने यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म को सक्षम किया है, जो अब सालाना 100 बिलियन से ज्यादा लेनदेन को संभालता है। सभी रियल टाइम के डिजिटल लेनदेन में से लगभग आधे भारत में होते हैं।"

पीएम मोदी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से, 44 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे नागरिकों को हस्तांतरित किए गए हैं, जिससे बिचौलियों को हटाने में मदद मिली और 3.48 लाख करोड़ रुपए की लीकेज की बचत हुई है।

स्वामित्व जैसी योजनाओं ने 2.4 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए हैं और 6.47 लाख गांवों का मानचित्रण किया है, जिससे भूमि से संबंधित अनिश्चितता के वर्षों का अंत हुआ है।

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था एमएसएमई और छोटे उद्यमियों को पहले से कहीं ज्यादा सशक्त बना रही है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) एक क्रांतिकारी प्लेटफॉर्म है, जो खरीदारों और विक्रेताओं के विशाल बाजार के साथ सहज कनेक्शन प्रदान कर नए अवसरों को पेश करता है।

पीएम मोदी ने कहा, "गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस आम आदमी को सरकार के सभी विभागों को सामान और सेवाएं बेचने में सक्षम बनाता है। यह न केवल आम आदमी को एक विशाल बाजार के साथ सशक्त बनाता है बल्कि सरकार के पैसे भी बचाता है।"

पीएम मोदी ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को लेकर कहा कि आधार, कोविन, डिजिलॉकर और फास्टैग से लेकर पीएम-वाणी और वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन तक भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को अब वैश्विक स्तर अपनाया जा रहा है।

कोविन ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सक्षम बनाया, 220 करोड़ क्यूआर-वेरिफाइड सर्टिफिकेट जारी किए। 54 करोड़ यूजर्स के साथ डिजिलॉकर 775 करोड़ से अधिक दस्तावेजों को सुरक्षित और निर्बाध रूप से होस्ट करता है।

प्रधानमंत्री ने आगे बताया, "हमारे जी20 प्रेसीडेंसी के माध्यम से, भारत ने ग्लोबल डीपीआई रिपॉजिटरी और 25 मिलियन डॉलर

उन्होंने आगे कहा, "भारत अब 1.8 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में शुमार है। लेकिन यह स्टार्टअप आंदोलन से कहीं अधिक है; यह एक तकनीकी पुनर्जागरण है। जब बात युवाओं में एआई स्किल पेनिट्रेशन और एआई प्रतिभा की आती है, तो भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।"

पीएम मोदी ने लिखा, "1.2 बिलियन डॉलर के इंडिया एआई मिशन के माध्यम से भारत ने 1 डॉलर/जीपीयू घंटे से भी कम कीमत पर वैश्विक स्तर पर बेजोड़ कीमतों पर 34,000 जीपीयू तक पहुंच को सक्षम किया है, जिससे भारत न केवल सबसे सस्ती इंटरनेट अर्थव्यवस्था बन गया है, बल्कि सबसे सस्ता कंप्यूटिंग गंतव्य भी बन गया है। भारत ने ह्युमैनिटी-फर्स्ट एआई का समर्थन किया है।"

Point of View

बल्कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में हमें इस दिशा में और प्रयास करने की आवश्यकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

डिजिटल इंडिया की शुरुआत कब हुई?
डिजिटल इंडिया की शुरुआत 2014 में हुई थी।
डिजिटल इंडिया के तहत कितने इंटरनेट कनेक्शन हैं?
2014 में भारत में करीब 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जो अब 97 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं।
डिजिटल इंडिया का मुख्य उद्देश्य क्या है?
डिजिटल इंडिया का मुख्य उद्देश्य डिजिटल रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत समाज बनाना है।
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का क्या महत्व है?
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था एमएसएमई और छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
भारत में 5जी की शुरुआत कब हुई?
भारत में 5जी की शुरुआत तेजी से हुई है, और केवल दो वर्ष में 4.81 लाख बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं।