क्या कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए?

Click to start listening
क्या कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए?

सारांश

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आगामी चुनावों में संदेह पैदा हो रहा है। क्या चुनाव आयोग अपनी पारदर्शिता साबित कर पाएगा?

Key Takeaways

  • दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
  • आयोग को अपनी पारदर्शिता साबित करने की आवश्यकता है।
  • फर्जी वोटरों का मुद्दा बिहार तक सीमित नहीं है।
  • लोकतंत्र की नींव के लिए स्वतंत्र चुनाव अनिवार्य हैं।
  • मतदाता सूची में गड़बड़ियों का समाधान जरूरी है।

ग्वालियर, 10 अगस्‍त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गम्भीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि चुनाव आयोग अपने कर्तव्यों का पालन निष्पक्षता से नहीं कर रहा है, जिससे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव समेत अन्य राज्यों के चुनाव संदेह के घेरे में हैं।

दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उन्होंने बिहार में हुए एसआईआर पर भी प्रश्न उठाए। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत एक बार में 65 लाख वोटरों को मतदाता सूची से हटा दिया गया, जो कि संदेहास्पद है। फर्जी वोटरों का मुद्दा केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है।

उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि उसे अपनी पारदर्शिता और विश्वसनीयता साबित करनी चाहिए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से भी इस मामले में स्पष्ट जवाब देने की मांग की।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि सत्तारूढ़ दल को फर्जी वोटरों के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यदि इस तरह की गड़बड़ियों की अनदेखी की गई, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकता है।

उन्होंने मध्य प्रदेश के 2018 के विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए बताया कि उस समय मतदाता सूची के पुनरीक्षण में 50 लाख फर्जी वोटरों का पता चला था। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की नींव हैं और इसके लिए चुनाव आयोग को आम जनता का भरोसा जीतना होगा। यदि मतदाता सूची में इस तरह की गड़बड़ियां सामने आती रहेंगी, तो लोगों का लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास डगमगा सकता है। चुनाव आयोग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना चाहिए और ऐसी प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए, जो पारदर्शी हों और जनता के सामने स्पष्ट हों।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों को गंभीरता से लिया जाए। लोकतंत्र की मूल बातें तभी सुरक्षित रहेंगी जब आयोग अपनी पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग के बारे में क्या कहा?
दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं और कहा है कि आयोग अपने कर्तव्यों का पालन निष्पक्षता से नहीं कर रहा।
फर्जी वोटरों का मुद्दा क्यों महत्वपूर्ण है?
फर्जी वोटरों का मुद्दा लोकतंत्र की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है और इससे चुनावों के परिणाम पर संदेह पैदा होता है।